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7 मार्च तक विद्युतकर्मियों को नियमित कर समान वेतन दें, वरना होगा आंदोलन; संघ का अल्टीमेटम

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

झारखंड विद्युत कर्मी संघ ने झारखंड उर्जा विकास निगम लिमिटेड को चिट्ठी लिखकर 2014 के सर्वे के मुताबिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, कंपनी की तृतीय और चतुर्थवर्गीय नौकरियों में आंतरिक बहाली के आधार पर पहले से कार्यरत कंपनियों को बहाल करने, समान कार्य का समान वेतन और पारा शिक्षकों को तर्ज पर कार्यकाल की अधिकतम सीमा 60 साल करने की मांग की है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि 7 मार्च तक उनकी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं किया गया तो वे 10 मार्च से धुर्वा स्थित जेबीवीएनएल मुख्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करेंगे। संघ का तर्क है कि कर्मी जोखिम भरी परिस्थितियों में काम करते हैं। 

विद्युत कर्मी संघ ने गिनाईं अपनी समस्याएं
संघ ने लिखा है कि झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के अन्तर्गत अनुषंगी कंपनियों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मी 12 -15 सालों से झारखंड विद्युत वितरण, संचरण एवं उत्पादन कंपनियों में अपनी जान जोखिम में डाल कर दिन रात सेवा देते आ रहे हैं। कई कर्मियों की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है। कई कर्मी हाथ-पांव गंवाकर जीवनभर के लिए दिव्यांग हो गये लेकिन कोई सुध नहीं लेता। संघ की शिकायत है कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को वर्ष 2017 से आउटसोर्सिंग पर डालकर एजेंसी द्वारा शोषण किया जा रहा है। 

संघ ने कंपनी को चिट्ठी लिखकर यह मांग की

1. वर्ष 2014 के सर्वे में कार्यरत जो भी दैनिक वेतन भोगी कर्मी जो वर्तमान में भी कार्यरत है को कर्नाटक तथा झारखंड हाईकोर्ट के जजमेंट के आधार पर 10 साल वालों की सूची में शामिल करते हुए सीधा नियमित किया जाए।

2. निगम एवं तीनों अनुषगी कंपनियां एक स्वायत्त संस्था है जो निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है जिस प्रकार से प्रबंधक, कनीय प्रबंधक तथा लेखा विभाग के लिए आंतरिक बहाली निकली गई इसी प्रकार तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पद के लिए भी आंतरिक बहाली निकलते हुए पूर्व से कार्यरत कुशल और अकुशल अंतिम कर्मियों तक को बहाल किया जाए, तभी जाकर ही बाहर के किसी भी अन्य को बहाल किया जाए। जिससे निगम हित में ट्रेनिंग करने के खर्च की भी बचत हो क्योंकि सब अपने आप में कार्य दक्ष एवं कुशाग्र है।

3. समान काम का समान वेतन दिया जाए क्योंकि यह कर्मचारी भी सरकारी कर्मचारियों के बराबर ही कार्य करते हैं।

4. झारखंड सरकार द्वारा लागू पारा टीचर की तर्ज पर 60 वर्षों तक के लिए ऊर्जा विकास निगम एवं अनुषगी कंपनियों में भी उम्र सीमा निर्धारित कर दी जाए ताकि सभी मानव दिवस/ मानव बल कर्मचारी जिम्मेवारी के साथ निगम हित में कार्य कर सकें।

आतंरिक बहालियों में प्राथमिकता देने की मांग
संघ ने कहा कि निगम एवं तीनों अनुषगी कंपनियां एक स्वायत्त संस्था है जो निर्णय लेने के लिए है कि प्रकार से प्रबंधक, कभीय प्रबंधक तथा लेखा विभाग के लिए आंतरिक बहाली निकाली गई। इसी प्रकार तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पद के लिए भी आतंरिक बहाली निकलते हुए पूर्व से कार्यरत कुशल और अकुशल अंतिम कर्मियों तक को बहाल किया जाए।

तभी जाकर ही बाहर के किसी भी अन्य को भर्ती किया जाए। जिससे निगम हित में ट्रेनिंग करने के खर्च की भी बचत होगी क्योंकि सब अपने आप में कार्य दक्ष एवं कुशाग्र है।