रांची
राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में सफाई कार्य कर रही "अन्नपूर्णा यूटिलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड" ने तीन करोड़ रुपये से अधिक बकाया भुगतान न मिलने को लेकर गंभीर चिंता जताई है। कंपनी का कहना है कि जून 2022 से हर माह चार रविवार को कर्मचारी रिम्स परिसर में काम कर रहे हैं, लेकिन अब तक इसका भुगतान नहीं हुआ। इससे न केवल कंपनी की आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है, बल्कि EPF, ESIC और GST जैसी कानूनी देनदारियाँ भी अधर में लटक गई हैं।
राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में सफाई कार्य का जिम्मा संभाल रही "अन्नपूर्णा यूटिलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड" ने रविवार की छुट्टियों में कराए गए कार्य का तीन वर्षों से लंबित लगभग तीन करोड़ रुपये का भुगतान न होने को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। कंपनी का कहना है कि जून 2022 से अब तक चार-चार रविवार हर महीने कर्मचारियों से कार्य कराया गया, लेकिन इस सेवा का कोई भुगतान नहीं किया गया।
कंपनी ने बताया कि लगातार तीन वर्षों से हर रविवार को रिम्स अस्पताल एवं संस्थान परिसर में सफाई कार्य कराया जाता रहा है। यह कार्य नियमित कर्मचारियों द्वारा नहीं बल्कि ठेका कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। यह कार्य वरिष्ठ अधिकारियों के मौखिक आदेश पर किया गया, जिसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
कंपनी ने यह भी कहा है कि लंबित भुगतान के चलते EPF, ESIC और GST की अदायगी समय पर नहीं हो पा रही है, जिससे कंपनी को आर्थिक और कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछली फाइलिंग में कंपनी को सिर्फ GST के रूप में 22 लाख रुपये और EPF, ESIC के रूप में 49 लाख रुपये की पेनाल्टी का सामना करना पड़ा था।
कंपनी के अनुसार बार-बार अनुरोध और आवेदन देने के बावजूद भी किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हो रही है। 24 मई 2025 को रिम्स प्रशासन द्वारा पत्र जारी कर मार्च और अप्रैल माह के बिल से EPF, ESIC एवं GST राशि की कटौती करने की जानकारी दी गई, साथ ही रिम्स से कंपनी की सेवा समाप्त करने का निर्देश भी दे दिया गया।
किन-किन अधिकारियों से की गई गुहार:
• कंपनी ने सभी रिम्स पदाधिकारियों से मौखिक और लिखित रूप से गुहार लगाई है।
• रिम्स के अपर निदेशक सह पूर्व उपनिदेशक श्री त्रिपाठी द्वारा कटौती की शुरुआत की गई थी लेकिन 30 दिन तक कोई कार्य कराए बिना ही चार-चार दिन का भुगतान काट लिया गया।
• रिम्स प्रशासन द्वारा यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि श्रमिक हड़ताल पर जाते हैं तो कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी। कंपनी ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है और कहा है कि भुगतान न मिलने के कारण यदि श्रमिकों में असंतोष उत्पन्न होता है तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
स्वास्थ्य मंत्री और विधायक को सौंपा ज्ञापन:
कंपनी ने 26 मई को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और रांची पश्चिम के विधायक राजेश कच्छप को भी ज्ञापन सौंपकर हस्तक्षेप की मांग की है। मंत्री ने आवेदन का संज्ञान लेकर उसे आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
मांग:
कंपनी ने मांग की है कि बकाया ₹3,00,00,000 (तीन करोड़ रुपये) का भुगतान अविलंब किया जाए ताकि EPF, ESIC और GST की अदायगी समय पर हो सके और पेनाल्टी से बचा जा सके।