रांची
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने कड़ी निंदा की है। रांची स्थित कांग्रेस भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर, कांग्रेस विधायक दल के उप नेता राजेश कच्छप, विधायक सुरेश बैठा और सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हृदयानंद यादव ने इस हमले को "कायराना और अमानवीय" करार देते हुए शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि यह हमला न केवल मानवता पर धब्बा है, बल्कि देश को भीतर तक झकझोर देने वाला है। उन्होंने कहा, “करीब दो दशक बाद ऐसा बड़ा आतंकी हमला हुआ है। निर्दोष और निहत्थे नागरिकों को मारना किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जा सकता। यह आतंकवादियों की वहशियत है, जो किसी धर्म या इंसानियत से जुड़ी नहीं है।” उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया, "56 इंच का सीना कहाँ है? ऐसे वक्त में प्रधानमंत्री को सभी दलों को एक मंच पर लाकर सामूहिक रणनीति बनानी चाहिए। यदि हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।"
शहजादा अनवर ने कहा, “कांग्रेस हमेशा देशवासियों के साथ खड़ी रही है। यह हमला बर्बरता की सारी हदें पार करता है। आतंकी चाहे किसी भी धर्म का लबादा ओढ़े हों, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए। उनका नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त होना चाहिए और उनके सरगनाओं को खत्म किया जाना चाहिए।"
विधायक राजेश कच्छप ने इसे 'पूरे देश के लिए शर्मनाक' करार देते हुए कहा, “यह पुलवामा की पुनरावृत्ति है। केवल बयानबाज़ी से सीमाएं सुरक्षित नहीं होंगी, इसके लिए स्पष्ट नीति चाहिए। अगर किसी देश की भूमिका सामने आती है तो वैश्विक मंच पर उसके खिलाफ आवाज़ उठाई जानी चाहिए।”
विधायक सुरेश बैठा ने कहा कि देश इस वक्त संकट में है और सभी दलों को मतभेद भुलाकर एकजुटता का संदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह हमला सिर्फ नागरिकों पर नहीं, देश की अस्मिता पर हमला है। इसका जवाब त्वरित और प्रभावी होना चाहिए।”
सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हृदयानंद यादव ने सैन्य संरचना को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “पिछले चार वर्षों में सेना में 1.8 लाख पद रिक्त हैं। अग्निवीर योजना और रक्षा बजट में कटौती देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। इन नीतियों पर पुनर्विचार होना चाहिए।” प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा, चेयरमैन सतीश पौल मुजनी और सोनाल शांति भी मौजूद रहे।