रांची:
किसानों के प्रति मेरी चिंता है। राज्य में बारिश कम हुई है। सदन के अंदर सुखाड़ पर चर्चा हो रही है। सभी लोग सार्थक सुझाव दें। चर्चा में आये सुझावों के अनुरूप सुखाड़ घोषित करने को लेकर सरकार निर्णय लेगी। यह बातें सदन के अंदर सीएम हेमंत सोरेन ने कही। सीएम दूसरी पाली के दौरान बीजेपी विधायकों के हंगामे को रोकने के लिए स्पीकर के अनुमति पर अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग नकली किसान हैं। जब सदन चर्चा के लिए तैयार है तो बीजेपी का हंगामा उचित नहीं है। बीजेपी सार्थक सुझाव दे। बावजूद इसके बीजेपी के विधायक वेल में घुसकर हंगामा कर रहे हैं।
पहली पाली में भाजपा ने ही की थी मांग
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक सदन के अंदर और बाहर पहली पाली से ही राज्य में सुखाड़ घोषित करने की मांग कर रहे थे। पहली पाली में तय किया गया कि लंच में बाद दूसरी पाली में सुखाड़ पर चर्चा होगी लेकिन, जब दूसरी पाली में जैसे ही सुखाड़ पर चर्चा होना शुरू हुआ तो भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। बता दें कि सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बीजेपी विधायक किसान की वेशभूषा में पहुंचे थे। कई विधायकों ने हल और कुदाल भी ले रखा था। पूर्व शिक्षा मंत्री नीरा यादव इस दौरान पारंपरिक साड़ी पहने सिर में टोकरा लिए पहुंची थीं।
सूखाड़ की स्थिति से निपटने को चर्चा
बता दें कि झारखंड में इस वर्ष औसत से कम बारिश हुई है। 24 में से 18 जिलों में 50 फीसदी से भी कम बारिश हुई है। कृषि प्रधान राज्य में मानसून के दगा देने से कृषि संकट उत्पन्न हो गया है। पहली बारिश में जो बिचड़ा खेतों में डाला गया था वो सूख चुका है। कई जिलों में रोपाई नहीं हो सकी है। कृषि मंत्री ने कुछ दिनों पहले संबंधित अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी। रविवार को भी कृषि सचिव और कृषि निदेशक ने सभी जिलों के उपायुक्त के साथ अहम बैठक की थी।