रांची:
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने खनन पट्टा लीज मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मुख्यमंत्री को 10 मई तक नोटिस का जवाब देना है।
हालांकि, सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जवाब दाखिल करने के लिए चुनाव आयोग से और थोड़ा वक्त मांग सकते हैं। कहा जा रहा है कि फिलहाल मुख्यमंत्री विधि-विशेषज्ञों से राय-मशविरा कर रहे हैं। यही नहीं, सुप्रियो भट्टाचार्य भी नोटिस को लेकर कानूनी राय लेने दिल्ली पहुंचे हुए हैं। ऐसे में सवाल है कि आखिर मुख्यमंत्री किस आधार पर और समय की मांग करेंगे। क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा किसी रणनीति पर काम कर रही है।
मां रूपी सोरेन की तबीयत का दे सकते हैं हवाला
दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मां रूपी सोरेन बीमार हैं। वो इन दिनों हैदराबाद में इलाजरत हैं। मुख्यमंत्री बीते कुछ दिनों से अपनी मां के साथ ही हैं। चर्चा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी मां के इलाज का हवाला देकर चुनाव आयोग से जवाब दाखिल करने के लिए और समय की मांग कर सकते हैं।
दरअसल, खनन पट्टा लीज मामले में चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि स्पष्टीकरण दें कि आपके खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 (ए) के तहत कार्रवाई क्यों ना की जाए। बता दें कि, इसके तहत चुनाव आयोग जनप्रतिनिधि को अयोग्य घोषित कर उसकी सदस्यता रद्द कर सकता है।
दिल्ली में गहन मंथन कर रही है सीएम की लीगल टीम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लीगल टीम दिल्ली में चुनाव आयोग के नोटिस पर गहन विचार-विमर्श कर रही है। चर्चा है कि वहां 2 विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। पहला विकल्प तो यही है कि मुख्यमंत्री की ओऱ से चुनाव आयोग की नोटिस का जवाब दिया जाये या अन्य विकल्पों पर विचार करने के लिए चुनाव आयोग से अतिरिक्त समय की मांग की जाये।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री की लीगल टीम फिलहाल उपरोक्त दो विकल्पों पर गहन मंथन कर रही है। अतिरिक्त समय की मांग के लिए आधार की तलाश भी का जा रही है जिसमें मुख्यमंत्री की मां रूपी तिर्की की बीमारी और इलाज एक पुख्ता आधार है।
मुख्यमंत्री ने खुद भी जाकर किया था सलाह-मशविरा
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैदराबाद से थोड़ा समय निकालकर खुद दिल्ली पहुंचे। रिपोर्ट्स है कि मुख्यमंत्री ने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी से मुलाकात की। इस मुलाकात में सीएम ने नोटिस के जवाब देने तथा अन्य विकल्पों पर चर्चा की।
यही नहीं, झामुमो नोटिस का जवाब देने के साथ-साथ कई अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट जाना भी शामिल है। इसके अलावा, झामुमो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा दिलाकर गुरुजी को मुख्यमंत्री पद का शपथ दिलाने के विकल्प पर भी चर्चा की जा रही है।
मुख्यमंत्री को चुनाव आयोग का कारण बताओ नोटिस
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर पद का दुरुपयोग करते हुए खनन पट्टा का लीज हासिल करने का आरोप लगाया था।
बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से भी इसकी शिकायत की थी और कार्रवाई की मांग की थी। राज्यपाल ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से राय मांगी थी। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने इस पर संज्ञान लिया और राज्य के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी। आखिरकार रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया और जवाब मांगा।