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CM हेमंत सोरेन का बीजेपी विधायकों पर हमला कहा, जमीन लुटेरे मुझे लुटेरा बता रहे हैं

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रांची 

सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा के मॉनसून सत्र में अपने संबोधन में बीजेपी विधायकों पर जमकर हमला बोला। इससे पहले उन्होंने अनुपूरक बजट पारित होने पर स्पीकर को बधाई दी। वहीं, बीजेपी विधायकों में वेल में आने पर सीएम बोले देखिए ये कैसे माहौल बनाते हैं। इन्होंने 5 सालों में क्या अर्जित किया, कितनी जमीन लूटी, इन्होंने डांका डालने का काम किया। 24 जिलों में इन्होंने कार्यालय बनाया। जमीन के लिए मर्डर हुआ। ये जमीन के लुटेरे हमें जमीन लूटने वाला बताते हैं। सीबीआई, ईडी लगाते हैं। तस्वीर दिखाते हुए कहा, ये बताएं कि इस बिल्डिंग के लिए पैसा कहां से आया। गैरमाजरुआ सरकारी जमीन में भी पार्टी कार्यालय बनाया। राजनीतिक हवस पर क्या बोले, ये जनता को धोखे में रखकर  लूट फरेब की दुकान चलाते हैं। 


सीएम ने कहा, अलग-अलग राज्य के कोने में लूट मचा रहे हैं बीजेपी के नेता। इनके एक मुख्यमंत्री के राज में बाढ़ आयी है, लोग जूझ रहे हैं लेकिन उनको छोड़ यहां के सीएम घूम रहे हैं। हेमंत ने कहा, चिंता मत कीजिये, असम से लोग झारखंड नहीं आए, यहीं के लोग असम गए हैं। चुनाव आने दो असम में भी सफाया होगा। ये नौकरी की बात करते हैं। हमने गैर सरकारी संस्थानों में एक लाख से अधिक नौकरी दी। इन्हीं हाथों से नियुक्ति पत्र दिया। 20 साल में इन्होंने  स्थानीयता संबंधी नियमावली नहीं बनायी। हमने नियमावली बनायी। आदिवासी बच्चों के लिए स्थानीय नीति बनायी। इसका बंटाधार इन्होंने किया। ये सामने से वार नहीं करते। कोर्ट कचहरी, गवर्नर का इस्तेमाल करते हैं। सीएम ने कहा, इनका ही कार्यकर्ता हमारी नियमावली रोकने कोर्ट गया था। लेकिन बीजेपी शासित राज्य में यही कानून बना तो संवैधानिक हो गया। हमने बनाया तो असंवैधानिक हो गया। 

सीएम ने कहा, हमारी सरकार ने रिम्स में ग्रेड ए के नर्स बहल किए। लिपिक लेखा पदाधिकारी की बहाली की। 83 प्रतिशत आदिवासी को नौकरी दी। कुछ पदों में तो 100 प्रतिशत तक आदिवासी को नौकरी दी। इनको आइना दिखाएंगे तो आइना शरमा जायेगा। पंचायत सचिव, कनिया, सहायक अभियंता, लिपिक बहाल किए। पशु चिकित्सक पहली बार बहाल किया। कहा, मानसून सत्र अंतिम सत्र में अनवरत चलने वाला सत्र है। हेमंत ने कहा, कोरोना आया तो राज्य के लिए कोई काम केंद्र ने नहीं किया।   हमने सरकारी अस्पतालों में सुधार किया। अब भी सुधार कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि हमने काम नहीं किया। हमने अपने कार्यकाल में पारा शिक्षक का मानदेय 50 प्रतिशत बढ़ाया।


 

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