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झारखंड में कोई भी 2027 तक कोई  बेघर नहीं रहेगा – चंपाई सोरेन 

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द फॉलोअप डेस्क


जमशेदपुर में आयोजित अबुआ आवास स्वीकृति वितरण समारोह में सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि अबुआ आवास  योजना की शुरुआत हेमंत सोरन ने की थी। ये उनकी सोच थी। 20219 में विधानसभा चुनाव में हमने संघर्ष किया। जनादेश मिला और सरकार भी बनायी। लेकिन विपक्ष उसी दिन से सरकार को गिराने की कोशिश में लग गया। इसके बाद दो साल कोरोना काल में हेमंत सरकार ने कुशल नेतृत्व दिया। दूसरे राज्यों ने हमारा अनुसरण किया था। दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को बस, रेल और हवाई मार्ग तक से झारखंड लाया गया। कहा, जो लोग जो लुंगी, चप्पल पहनते थे उनको भी हवाई मार्ग से राज्य लाया गया।  इससे पहले बीजेपी की डबल इंजन सरकार थी। लेकिन उन्होंने राज्य का ऐसा हाल कर दिया था कि अस्पतालों में वेंडिलेशन तक की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन हेमंत की सरकार ने ऐसी चुनौतियों का सामना बिना रुके कुशलता के साथ किया।  

कहा कि हेमंत सरकार ने महामारी में अच्छी चिकित्सा व्यवस्था की। विपक्ष आज मुद्दा विहीन है, तो इसने जांच एजेंसियों से मदद लेकर सरकार को गिराने और बदनाम करने की कोशिश की। कहा, आज भी  झारखंड को सोने की चिड़िया कहा जाता। यहां के खनिज गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्य में रोजगार कारखाने चल रहे हैं। रोजगार पैदा हो रहा है। कहा टाटा एक बड़ा औद्योगिक शहर है। लेकिन इसके आसपास के गांवों में जहा, अधिकतर आदिवसी और मूलवासी रहते हैं, वहां की हालत अच्छी नहीं है। अधिककतर इलाके आज भी पिछड़े हैं। दशकों तक यही हाल रहा। भूख से लड़ने के लिए हमने पेंशन योजना शुरू की। 

 

पीएम आवास योजना से वंचित रह गये लोग 

सीएम चंपाई ने आगे कहा कि आदिवासी और धरतीपुत्र गरीब हैं। इसका बड़ा कारण शिक्षा का अभाव है। इसलिए हेमंत की सरकार ने शिक्षा योजना की शुरुआत की। छात्रवृति योजना, गरीब छात्राओं के लिए  सावित्री बाई फूले योजना शुरू की। पहले एक बच्ची को इसका लाभ मिलता था, अब परिवार की सभी बच्चियों को देंगे। हमने विदेश में मूलवासी आदिवासी को फ्री में पढ़ने भेजा। सीएम चंपाई ने पीएम आवास योजना पर प्रहार किया। कहा कि झारखंड के कई गरीोबों को इससे वंचित कर दिया गया। तब हेमंत सरकार ने  अबुआ आवास योजना शुरु दी। केंद्र के दो कमरे के बदले में तीन कमरे का आवास शुरू किया। इस योजना के तहत झारखंड में 2027 तक कोई बेघर नही रहेगा।