द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में साइबर अपराधियों ने बदलते समय के साथ साइबर ठगी का तरीका भी बदला है। आजकल साइबर अपराधी लोगों को हनी ट्रैप और डिजिटल अरेस्ट जैसी चीजों में फंसाकर अपना शिकार बना रहे हैं। यही कारण है कि पढ़े-लिखे लोग भी इन अपराधियों के चंगुल में फंस जाते हैं। वहीं, इसे लेकर पुलिस विभाग की तकनीकी शाखा अलर्ट हो गई है। वह लोगों को इन ठगों से बचाने के लिए तकनीक का इजाद कर रही है। इसी से बचने के लिए CID ने लोगों को साइबर अपराधियों द्वारा अपनाये जा रहे तरीकों और बचाव के लिए अलर्ट किया है। फिलहाल,राज्य में सक्रिय साइबर अपराधी हनी ट्रैप सहित लगभग 10 तरीकों से ठगी को अंजाम दे रहे हैं। CID ने तैयार की रिपोर्ट
CID ने राज्य में साइबर फ्रॉड को लेकर दर्ज मामलों का विश्लेषण कर इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर के सहयोग से एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में हर उम्र के लोग साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं। लेकिन अपराधी ज्यादातर बुजुर्ग और अधेड़ उम्र के लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं।
क्या है साइबर फ्रॉड मुख्य तरीके
साइबर अपराधी फ्रॉड के लिए नयी-नयी तरकीब लगाकर आम लोगों को चूना लगाते हैं। इनमें कस्टम में पार्सल पकड़े जाना, डिजिटल अरेस्ट, परिवार के सदस्य की गिरफ्तारी, ट्रेडिंग के नाम पर तत्काल धनी बनाने का झांसा,क्रेडिट कार्ड,पैसा ट्रांसफर करने का झांसा देना,केवाइसी एक्सपायर होने की बात,टैक्स रिफंड और हनी ट्रैप सहित अनेकों हथकंडे शामिल हैं।