द फॉलोअप डेस्क
गढ़वा के एक सरकारी स्कूल में बच्चे पढ़ने के बजाय बालू, सीमेंट और गिट्टी ढो रहे हैं। जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन बच्चों को काम में लगाये जाने की खबर स्कूल प्रबंधन को भी है। यह स्कूल जिले के सुंडीपुर में है और इसका नाम राजकीय मध्य विद्यालय है। मिली खबर के मुताबिक राजकीय मध्य विद्यालय, सुंडी में इन दिनों स्कूल की मरम्मत का काम हो रहा है। साथ ही गेट को भी दुरुस्त किया जा रहा है। इसी के तहत स्कूल के छात्रों को बालू, गिट्टी और सीमेंट ढोने के काम में लगा दिया है। इन छात्रों के अभिभावकों ने इस पर रोष जाहिर किया है। इस दौरान बच्चे न स्कूल में पढाई कर रहे हैं और न ही दूसरी शैक्षणिक गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। कहा है कि छात्रों को भवन निर्माण के काम में लगाना उनके अधिकारों के साथ खिलवाड़ करना है। यह कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है। राज्य में बाल मजदूरी गैरकानूनी है औऱ ये मामला बच्चों पर अत्याचार की तरह है। इस बाबत कुछ अभिभावकों ने विद्यालय प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की है।
स्कूल में चल रहा है प्लास्टर का काम
मामले के संबंध में गाड़ा खुर्द पंचायत समिति के एक सदस्य प्रतिनिधि ने बताया कि इन दिनों स्कूल के गेट और भवन के कुछ हिस्सों में प्लास्टर का काम किया जा रहा है। इस काम के लिए राजमिस्त्री को बुलाया गया है। इस दौरान बच्चों को सीमेंट, बालू और गिट्टी ढोने के काम पर लगा दिया गया है। इस बात की जानकरी उन्हें मिली है। इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर काननी कार्रवाई की जानी चाहिये।
प्रिंसिपल ने दी ये सफाई
इस मामले में पूछे जाने पर विद्यालय के प्रिंसिपल ने विचित्र तरह की सफाई दी है। प्रिंसिपल प्रदीप उऱांव ने कहा कि विद्यालय के किसी भी शिक्षक ने छात्रों को काम करने के लिए नहीं कहा है। बच्चों को राजमिस्त्री बालू और गिट्टी ढोने के लिए कहा होगा। फिर भी इस बात की जानकारी उनको, प्रिंसपिल को किसी ने नहीं दी है।