द फॉलोअप डेस्कः
सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत पूछे गए सवालों से पता चला है कि ट्रेन किराये में (वरिष्ठ नागरिकों) सीनियर सिटीजन को दी जाने वाली रियायतें वापस लेने के बाद से भारतीय रेल ने बुजुर्गों से 5800 करोड़ रुपये से ज्यादा का अतिरिक्त राजस्व कमाया है। इसको लेकर झारखंड सरकार केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर है। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि एक तरफ केंद्र सरकार बुजुर्गों से उनका हक छीनकर राजस्व कमा रही है तो दूसरी तरफ झारखंड सरकार सम्मान के साथ यहां के बुजुर्गों को सर्वजन पेंशन योजना से जोड़ रही है। उन्होंने यह कहते हुए बताया है फर्क साफ दिखता है।
सीएम ने क्या ट्वीट किया
सीएम चंपाई ने अपने ट्वीट में लिखा है कि "आज खबर मिली कि बुजुर्ग यात्रियों से छूट वापस लेकर रेलवे को 5,800 करोड़ का फायदा हुआ है। दूसरी ओर, हमारी झारखंड सरकार ने 36 लाख से अधिक बुजुर्गों को पेंशन का सहारा दिया। केन्द्र द्वारा हाथ खींच लेने के बावजूद, हमारी सरकार सर्वजन पेंशन योजना लेकर आई, तथा हर जरूरतमंद को इस से लाभान्वित किया गया। हमारी सरकार ने सभी महिलाओं एवं एससी/ एसटी पुरुषों के लिए पेंशन की आयु सीमा को घटा कर 50 कर दिया है, ताकि वे लोग भी सम्मानजनक जीवन जी सकें, जो ढलती उम्र की वजह से मजबूर हैं। उम्र के आखिरी पड़ाव पर, इन बुजुर्गों को हमारा साथ, सम्मान और सहयोग चाहिए। इनकी दुआएं परिवार एवं राज्य को बेहतर बनायेंगी।
आज खबर मिली कि बुजुर्ग यात्रियों से छूट वापस लेकर रेलवे को ₹5,800 करोड़ का फायदा हुआ है।
— Champai Soren (@ChampaiSoren) April 2, 2024
दूसरी ओर, हमारी झारखंड सरकार ने 36 लाख से अधिक बुजुर्गों को पेंशन का सहारा दिया। केन्द्र द्वारा हाथ खींच लेने के बावजूद, हमारी सरकार सर्वजन पेंशन योजना लेकर आई, तथा हर जरूरतमंद को इस से… pic.twitter.com/PMvSjdaio7
लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद सीनियर सिटीजन किरायों में छूट ली थी वापस
रेल मंत्रालय ने 20 मार्च, 2020 को कोविड-19 महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद सीनियर सिटीजन को ट्रेन किराये में दी जाने वाली छूट वापस ले ली थीं. उस समय तक रेलवे महिला यात्रियों को ट्रेन किराये में 50 फीसदी और पुरुष और ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 फीसदी की छूट देता था. यह छूट हटने के बाद से बुजुर्गों को अन्य यात्रियों के समान ही किराया देना होता है. रेलवे मानदंडों के मुताबिक, 60 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र के पुरुष और ट्रांसजेंडर और 58 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र की महिलाएं वरिष्ठ नागरिक मानी जाती हैं।