रांची:
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति चुने जाने पर जनजाति समाज के लोगों द्वारा रांची के अरगोड़ा मैदान (Argora Maidan) से सहजानंद चौक (Sahajanand Chowk) तक विजय जुलूस निकाला गया। इस दौरान समाज के लोगों ने जश्न मनाया। जनजाति समुदाय के लोगों के साथ बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मांदर और ढोल नगाड़ों के साथ नृत्य करते हुए विजय जुलूस निकाला। सभी कार्यकर्ता पारंपरिक परिधान में हाथों में द्रौपदी मुर्मू के कट आउट लेकर झूमर नृत्य साथ जमकर ताल से ताल मिला कर नाचते गाते रहे।
कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को लगाया गुलाल
इस दौरान करमा, सरहुल, होली दीपावली जैसा माहौल नजर आया। कार्यकर्ता खुशी में अबीर-गुलाल लगाकर पटाखे छोड़ रहे थे। द्रौपदी मुर्मू के देश की 15वीं राष्ट्रपति बनने की घोषणा होते ही हजारों आदिवासी पारंपरिक परिधानों और पारंपरिक हथियारों के साथ सड़कों पर निकल आये। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर हाथ में लेकर ढोल-नगाड़े की थाप पर खूब जश्न मनाया। इस मौके पर पूरे उत्साह में पार्टी के नेतागण भी जुलूस में शामिल रहे। आदिवासी समाज ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं एनडीए नेताओं को एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद पर आसीन करने के लिये आभार प्रकट किया।
करोड़ों आदिवासियों की जीत ये राष्ट्रपति चुनाव
कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह द्रौपदी मुर्मू की जीत नहीं है बल्कि देश के करोडों लोगों और आदिवासियों की जीत है।पहली बार आदिवासी महिला देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुई हैं। यह खुशी का दिन है। भाजपा में सभी वर्गों का सम्मान होता है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर यह बात एक बार फिर से साबित की है।
उत्सव कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने शिरकत की
उत्सव कार्यक्रम में संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, राष्ट्रीय मंत्री आशा लकड़ा,प्रदेश उपाध्यक्ष गंगोत्री कुजूर, प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा, विधायक सीपी सिंह, प्रदेश मंत्री नवीन जायसवाल,यदुनाथ पांडे, काजल प्रधान, शिवपूजन पाठक, रामकुमार पाहन ,अशोक बड़ाईक, आरती कुजूर, केके गुप्ता, सुरेंद्र महतो, संजीव विजयवर्गीय, बिंदेश्वर उराँव, रेणुका मुर्मू, रोशनी खलखो,अनु लकड़ा,रवि मुंडा, नकुल तिर्की, प्रेम बड़ाईक, भोगेन सोरेन, शीला मुंडा, थानों मुंडा, अर्जुन मुंडा, संजय टोप्पो, जयश्री इंदवार, रामसाय मुंडा, सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।