द फॉलोअप डेस्क, रांची:
रविवार को जमीन घोटाला केस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ के दौरान विधि-व्यवस्था भंग करने का प्रयास करने के आरोप में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता और समर्थक और भीम आर्मी के सदस्यों के खिलाफ रांची के गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। रांची सदर अंचलाधिकारी मुंशी राम ने सीआरपीएफ और भीम आर्मी के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए धारा-144 का उल्लंघन करने पर इनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। वहीं, कांके अंचलाधिकारी जय कुमार राम ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर शांति भंग करने के प्रयास का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है। गौरतलब है कि रविवार को सीएम से पूछताछ के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान और अधिकारी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। झामुमो कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर दिनभर प्रदर्शन किया वहीं भीम आर्मी पर भी आरोप हैं।
सीआरपीएफ पर बिना मंजूरी के सीएम आवास पहुंचने का आरोप
रांची सदर अंचलाधिकारी मुंशी राम ने लिखित शिकायत में कहा है कि रविवार को मुख्यमंत्री आवास में सीएम हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ के दौरान परिसर की 500 मी. की परिधि में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाई गई थी। वहां अधिकृत पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों के अतिरिक्त किसी भी अन्य व्यक्ति का प्रवेश करने पर रोक लगाई गई थी। मुख्यमंत्री आवास के आसपास किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र, हरवा-हथियार लेकर चलने या धरना प्रदर्शन पर रोक लगाई गई थी। सीएम आवास की ओर जाने वाले रास्ते में भी बैरिकेटिंग की गई थी। चौराहे पर डीएसपी मनोज कुमार, एसआई रजनी रंजन, सुखदेवनगर थाना पुलिस सहित भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
दोपहर तकरीबन 1 बजे सीआरपीएफ के लगभग 10 बड़े वाहन मसलन बस और ट्रक में सवार होकर सीआरपीएफ जवान और अधिकारी मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करने का प्रयास करने लगे। वहां पदाधिकारियों द्वारा उनको रोकने का प्रयास किया गया। इस दौरान वहां सड़क जाम हो गई। विधि-व्यवस्था भंग होने की संभावना पैदा हो गई। सीनियर ऑफिसर्स को इसकी सूचना दी गई। अंचलाधिकारी ने कहा कि सीआरपीएफ से जिला प्रशासन ने किसी प्रकार का सहयोग नहीं मांगा गया था बावजूद इसके जवानों के वहां पहुंचने से विधि-व्यवस्था भंग होने की आशंका पैदा हो गई थी। वरीय पदाधिकारियों ने उनसे अनुरोध किया किे वे चले जाएं लेकिन आरोप है कि जवान और पदाधिकारी वहां से हटने को तैयार नहीं हुए। आरोप है कि दंडाधिकारियों से उलझते रहे। सीआरपीएफ के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन और शांति व्यवस्था भंग करने के प्रयास के आरोपों में सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया जाए।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर शांति भंग के प्रयास का आरोप
कांके अंचलाधिकारी जय कुमार राम ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं के खिलाफ गोंदा थाना में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होने गोंदा थाना प्रभारी को दिए गये लिखित शिकायत में यह आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री आवास के 500 मीटर की परिधि में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगे होने के बावजूद झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थक और आम जनता ने बैरिकेटिंग तोड़ी। नारा लगाते हुए राम मंदिर तिराहा के समीप प्रदर्शन किया। वहां से हटने की चेतावनी देने के बावजूद मजमा लगाकर प्रदर्शन किया। धारा-144 के तहत लगी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर प्रदर्शनकारियों पर सुसंगत धाराओं में कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। कांके अंचलाधिकारी ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए सीएम आवास की 500 मीटर की परिधि में हरवे हथियार के साथ मार्च या प्रदर्शन करने की मनाही थी लेकिन इसका उल्लंघन किया गया।
भीम आर्मी के प्रदर्शनकारियों पर भी धारा-144 के उल्लंघन का आरोप
रांची सदर अंचलाधिकारी मुंशी राम ने भीम आर्मी के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गोंदा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ के दौरान मुख्यमंत्री आवास की 500 मीटर की परिधि में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगाई गई थी। दंडाधिकारियों और वरीय पुलिस अधिकारी के साथ भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इसी बीच दोपहर साढ़े 3 बजे भीम आर्मी के तकरीबन 200 महिला और पुरुष प्रदर्शनकारी पुराना हॉस्पिटल एलपीएन शाहदेव चौक से कांके रोड के पास आकर नारेबाजी करने लगे। मुख्यमंत्री आवास जाकर मांगपत्र सौंपने का प्रयास करने लगे। उनसे अपील की गई कि अभी विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए वहां धारा 144 लगी है इसलिए वे लौट जाएं। हालांकि वे अवैध मजमा लगाकर उक्त स्थान पर प्रदर्शन करते रहे। काफी समझाने पर मांगपत्र सौंपकर गये।