रांची
अवैध अफीम की खेती के विनष्टीकरण के लिए पुलिस महानिदेशक के द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में 05 से 17 फरवरी तक “Special drive during cultivation operation against opium” कार्यक्रम चलाया जाना है। इसके तह्त रांची प्रक्षेत्र के खूंटी, रांची, सरायकेला-खरसावां एवं चाईबासा जिलों में अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी के अतिरिक्त 11 पुलिस उपाधीक्षक के द्वारा जिलों में नेतृत्व की जा रही है तथा स्थानीय थाना एवं पुलिस मुख्यालय के साथ रांची प्रक्षेत्र के अन्य जिलों से 1500 अतिरिक्त बलों की प्रतिनियुक्ति की गयी है। इस अभियान के तह्त खूंटी जिला के मुरूहु, अडकी, खूंटी, सायको एवं मारंगहादा थाना क्षेत्र में 6473 एकड़ में विनष्टीकरण एवं कुल गिरफ्तारी 55, रांची जिला के बुण्डू, तमाड़, दशमफॉल, राहे, सोनाहातू, नामकुम थाना क्षेत्र में 2484 एकड़ में विनष्टीकरण एवं कुल 19 गिरफ्तारी की गयी।
चाईबासा जिला के बंदगांव, टेबो, कराईकेला, टोकलो थाना क्षेत्र में 394 एकड़ विनष्टीकरण किया गया। सरायकेला-खरसावां जिला के कुचाई, ईचागढ़, चौका, खरसावां थाना क्षेत्र में 520 एकड़ में विनष्टीकरण एवं कुल 12 गिरफ्तारी की गयी है। इस प्रकार अबतक इन जिलों में 9871 एकड़ में लगे अवैध अफीम के फसल को विनष्ट करने के साथ संलिप्त कुल 86 आरोपियों की गिरफ्तारी की गयी है। एक एकड़ अफीम के फसल से करीब 3 से 4 किग्रा अफीम की पैदावार होती है। एक किग्रा अफीम की कीमत बाजार में 4 से 5 लाख रूपये होती है। इस अभियान के तह्त इतने ज्यादा अफीम को बाजार में पहुंचने से बचाया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक, द0छो0 प्रक्षेत्र, रांची के नेतृत्व में आज इस अभियान के तह्त तमाड़ के ग्राम-परासी क्षेत्र में अवैध अफीम फसल के विनष्टीकरण की कार्रवाई की गयी। अभियान में पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, रांची, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, बुण्डू तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी/कर्मी सम्मिलित रहे। इस दौरान आम नागरिकों को अवैध अफीम की खेती से होने वाले समाज पर दुष्प्रभाव के बारे में बताते हुए अवैध अफीम की खेती नहीं करने हेतु जागरूक किया गया। पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, रांची को विशेष शाखा/स्थानीय रूप से प्राप्त सूचना/आसूचना के आलोक में शेष क्षेत्रों में बचे हुए अवैध अफीम की खेती को समुचित संसाधन के उपयोग एवं प्रतिनियुक्त बलों की मदद् से विनष्ट करने का निर्देश दिया गया। इस अभियान में प्रतिनियुक्त सभी पदाधिकारी एवं बलों को उनके द्वारा किये जा रहे इस सराहनीय कार्य के लिए प्रोत्साहित किया गया। अवैध अफीम की खेती करने पर जुर्माना के साथ कठोर कारावास तथा 20 वर्षो तक के अधितक कारावास के प्रावधान होने से भी अवगत कराया जा रहा है।