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Ranchi : BJP ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर लगे आरोपों की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की

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रांची: 

वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री सरयू रॉय ने मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर वित्तीय अनियमितता से जुड़े गंभीर आरोप लगाये हैं। सरयू राय ने आरोप लगाया है कि बन्ना गुप्ता ने पद की दुरुपयोग करते हुए स्वयं और अपने करीबी लोगों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दिलाया। अब सरयू बनाम बन्ना की लड़ाई में बीजेपी भी कूद गई। इसी आलोक में शुक्रवार को प्रतुल शाहदेव ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता की और पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की। 

केंद्रीय जांच एजेंसी करे मामले की जांच! 
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री पर प्रोत्साहन राशि लेने के आरोपों की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज या किसी केंद्रीय जांच एजेंसी से करवाई जाये। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बीजेपी ने मांग की है कि बन्ना गुप्ता को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाये। बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने खुद और अपने लोगों को प्रोत्साहन राशि दिलवाकर डिक्शनरी में नया शब्द बन्ना बांट जुड़वाया है। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पूर्ववर्ती किसी भी सरकार में ऐसी कार्यशैली नहीं दिखी। 

अलग प्रकार की कार्यशैली दिखाई देती है! 
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि हैरानी होती है कि मुख्यमंत्री खुद अपने नाम से खनन का पट्टा लेते हैं। स्वास्थ्य मंत्री अपने नाम से प्रोत्साहन राशि लेते हैं। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री का ये कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं थी, पूरी तरह से झूठ है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में स्वास्थ्यकर्मियों को 1 माह का वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि देने के लिए 1 मई 2021 को पत्र जारी किया गया था। इसमें लिखा था कि प्रोत्साहन राशि पाने वाले कौन-कौन अहर्ता रखते हैं। 24 फरवरी 2022 को नोटिफिकेशन में संसोधन कर उसमें मंत्री और उनके कोषांग के कर्मियों के नाम की अनुशंसा की गई। 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का नाम शामिल! 
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि प्रोत्साहन लाभ पाने वालों में पहला नाम स्वास्थ्य विभाग के सचिव अरूण कुमार सिंह का है। संयुक्त सचिव, अवर सचिव और उपसचिव का नाम भी प्रोत्साहन राशि पाने वालों की लिस्ट में जोड़ी गई है। उन्होंने कहा कि सबकुछ मंत्री के निर्देश पर हुआ है। कोरोना काल में जान गंवाने वाले चिकित्सकों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला। थर्ड और फोर्थ ग्रेड के स्वास्थ्यकर्मियों को, जो वास्तिवकता में प्रोत्साहन रराशि पाने के हकदार थे, उनको भुगतान नहीं किया गया।