द फॉलोअप डेस्क
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर झारखंड सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि हर बॉल पर छक्का लगाने का दंभ भरने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हिट विकेट होते नजर आ रहे हैं। CAG की रिपोर्ट ने हेमंत सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन और घोर इच्छाशक्ति के अभाव को उजागर कर दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने तकरीबन 19 हज़ार करोड़ रुपये की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया, जो बड़े भ्रष्टाचार की संभावना को प्रबल करता है। आकस्मिक विपत्र निकासी में गड़बड़ी और गलत बजटीय प्रावधान का खामियाजा झारखंड की जनता जनार्दन को भुगतना पड़ा। राज्य 1.10 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्जदार हो गया है। राज्य में व्यापक गरीबी के बावजूद, कई कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि का पूर्ण उपयोग नहीं किया गया, जिससे जरूरतमंद लाभार्थियों तक सहायता नहीं पहुंच पाई। DBT योजनाओं, विशेषकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन और छात्रवृत्ति योजनाओं में, धनराशि के दुरुपयोग, फर्जी लाभार्थियों और अपात्र छात्रों को भुगतान जैसी अनियमितताएं पाई गईं।
स्वास्थ्य क्षेत्र की बात करें तो डॉक्टरों के 61 फीसदी पद खाली, मेडिकल कॉलेज में 45 फीसदी पद खाली हैं। दवा व उपकरण की खरीद पर उपलब्ध राशि का महज 20 प्रतिशत ही खर्च हुआ। सैंपल जांच केंद्रों में दवा की कमी 66-94 प्रतिशत तक ओटी में भी उपकरणों की कमी 48-67 प्रतिशत तक रही। CAG की यह रिपोर्ट हेमंत सरकार के कुशासन को आईना दिखा रही है। सरकार को जनता के प्रति पारदर्शी शासन और अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए। बेहतर बजटीय प्रबंधन और विभागों के आपसी समन्वय नितांत आवश्यक है।