logo

बाबूलाल मरांडी को कोर्ट से बड़ी राहत, साल 2011 मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी

babulal_photo1.jpg

द फॉलोअप डेस्क
बाबूलाल मरांडी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उन्होंने आचार संहिता मामले में पालामू कोर्ट ने बरी कर दिया है। बता दें कि आज बाबूलाल MP-MLA के स्पेशल कोर्ट में हाजिर हुए थे। जहां जज सतीश कुमार मुंडा की अदालत में उनके मामले पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बाबूलाल मरांडी को बरी कर दिया है। मामला 2011 का है। मेदीनगर के टाउन थाना में धारा 144 का उल्लंधन करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी।


अदालत पर पूर्ण विश्वास था

कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए बाबूलाल ने कहा कि मुझे अदालत पर पूर्ण विश्वास था। हमने कोई गलती नहीं की थी। लंबे समय तक अनिल जी लड़ते रहे और हम फैसले का इंतजार करते थे। हम कही दोषी नहीं थे फिर भी आज निर्दोश धोषित किए गए।

2011 का मामला
2011 में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए थे। दर्जनों लोगों की दुकान टूटी थी। अतिक्रमण हटाओ अभियान से प्रभावित लोगों को राहत और उन्हें मुआवजा देने को लेकर बाबूलाल मरांडी ने आंदोलन शुरू किया था। आंदोलन के क्रम में बाबूलाल के नेतृत्व में पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदीनगर टाउन थाना क्षेत्र साहित्य मैदान में महाधरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। बिना अनुमति महाधरना देने और भीड़ इकट्ठा करने के आरोप में तत्कालीन डीएम लॉ एंड आर्डर मुकुल पांडे ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिस वक्त बाबूलाल मरांडी पर एफआईआर दर्ज की गई थी उस वक्त वह झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो हुआ करते थे।

हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://chat.whatsapp.com/EUEWO6nPYbgCd9cmfjHjxT