रांची:
सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को लेकर खनन पट्टा लीज (Mining Lease) से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग का फैसला कभी भी सार्वजनिक हो सकता है। सिलबंद लिफाफा आयोग की ओर से राजभवन भेजा जा चुका है और राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) गुरुवार शाम तक फैसला सार्वजनिक कर सकते हैं। फिलहाल, संभावित फैसले पर झारखंड (Jharkhand) की सियासत में काफी गहमा-गहमी है। सियासी गलियारों में फैसले को लेकर अलग-अलग तरह की चर्चा है। कई लोग भविष्य को लेकर भी कयास लगा रहे हैं।
झामुमो ने बीजेपी पर बोला तीखा हमला
इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर निशाना साधा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि 20 वर्षों तक बीजेपी ने झारखंड को खोखला करने का काम किया। सीएम हेमंत सोरेन को लोगों ने अधिकार दिया तो बीजेपी ने कहा क्यों दिया? झामुमो ने आगे लिखा कि झारखंड विरोधी भाजपा को जनता के दरवाजे पर झारखंडी सरकार से मुंह की खानी पड़ी तो यह संवैधानिक संस्थाओं के पीछे छुप गए। सीएम आवास के बाहर मीडिया से मुखातिब पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद पांडेय (Vinod Pandey) ने भी कहा कि बीजेपी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि सीएम ने कुछ भी गलत नहीं किया। चुनाव आयोग का फैसला आने दीजिए।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस बीजेपी सांसद को घेरा
झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने भी सीएम आवास से निकलने के बाद मीडिया से कहा कि अभी चुनाव आयोग का फैसला आया नहीं है। अभी कुछ भी टिप्पणी करना जल्दीबाजी होगी। फैसला आने दीजिए तो कुछ कहना ठीक होगा। सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस दौरान बीजेपी पर तीखा हमला बोला। कहा कि जबसे राज्य में हेमंत सोरेन की अगुवाई में सरकार बनी। विकास के काम शुरू हुए, बीजेपी किसी ना किसी तरह से परेशान करने में लगी है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की ओर निशाना साधते हुए कहा कि, चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। किसी संवैधानिक संस्था का सिलबंद लिफाफा एक बीजेपी विधायक के पास कैसे पहुंच जाता है। इसकी जांच होनी चाहिए।
सीएम आवास पर विधायकों का हुआ जुटान
इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों और कार्यकर्ताओं का सीएम आवास के बाहर जुटना शुरू हो गया है। विधायकों के साथ सीएम आवास के भीतर अहम बैठक हो रही है, ऐसी खबरें सामने आई हैं। भविष्य की रणनीति पर चर्चा है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग की तरफ से अयोग्य ठहराए जाने पर सीएम हेमंत सोरेन इस्तीफा दे सकते हैं। चर्चा है कि वे अपने परिवार के किसी व्यक्ति या फिर पार्टी के विश्वस्त विधायकों में से किसी को सीएम पद के लिए आगे कर सकते हैं। इनमें, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, मंत्री जोबा माजी और चंपाई सोरेन का नाम सबसे आगे है।