द फॉलोअप डेस्कः
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी युवा आक्रोश रैली को संबोधित करने मोरहाबादी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कंटीला तार लगाकर बुजदिल की तरह मुख्यमंत्री आवास में बैठे हुए हैं। और राज्य के युवा सड़क में संघर्ष कर रहे हैं जद्दोजहद कर रहे हैं। आप इतने डर गये हैं कि अपने प्रशासन से ना सिर्फ जनप्रतिनिधियों को बल्कि हमारे युवाओं को भी सड़क पर रोकने का काम किया है। लेकिन ये युवा रूकने वाले नहीं है। लाखों की संख्या में यहां उपस्थित होकर ये बता रहे हैं कि ये राज्य सरकार युवा विरोधी है।
ये राज्य सरकार को बंग्लादेशी घुसपैठियों से तो प्यार है लेकिन झारखंड के युवाओं को फटकार है। राज्य सरकार बंग्लादेशी घुसपैठियों के सेवा के लिए तत्पर रहती है लेकिन राज्य का युवा जब कहता है कि हमें 5 लाख रोजगार का वादा किया था। 5 हजार, 7 हजार बेरोजगारी का वादा किया था। वो रोजगार वो बेरोजगारी भत्ता कहा है। जब अनुबंधकर्मी संविदाकर्मी कहते हैं कि हमें परमानेंट करने का वादा किया था वह वादा कहां है। जब यहां की परीक्षाओं की गड़बड़ी का सीबीआई जांच की मांग युवा कर रहा है तो वह वादा कहां है।
इस सरकार ने एक रिकॉर्ड कायम किया है युवाओं पर अत्याचार का। इन्होंने नौकिरियां नहीं दी। लेकिन जो नौकरी दी उसके पद को इन्होंने बेचा है। वो सीजीएल हो, जेई हो, नेट हो, जेटेट की परीक्षा हो, जेपीएससी हो सारे रिजल्ट को इन्होंने बेचा है। आपने कभी देखा है कि 100 नंबर के पेपर में 252 नंबर मिल गये हैं। जेटेट की परीक्षा में इस राज्य सरकार ने 100 नंबर के पेपर में 252 नंबर दिए हैं। इस राज्य की सरकार ने जेपीएससी की उत्तर पुस्तिका को जांचने के लिए घंटी आधारित शिक्षक को लगाया है। ये पूरी तरह से युवाओं की विरोधी सरकार है। और युवाओं के आवाज को दबाने के लिए अपने घुसपैठी अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए ये लगातार आगे बढ़ रही है।
इनको इश्तियाक अहमद नहीं दिखता है। जो इसदेश को इस्लामिक स्टेस बनाने की तैयारी कर रहा था। ये सरकार को गायबथान का दादू हेंब्रम नहीं दिखता है। ये सरकार को केकेएम कॉलेज की उन छात्रों का दर्द नहीं दिखता है जिनको लाठी से पीटा गया। ये सरकार का कर्मा उरांव की जमीन पर मस्जिद बन रही है वहा नहीं दिखता है। ये सरकार को दिखता है पारा शिक्षक, सहायक पुलिसकर्मी का आंदोलन पर कैसे लाठीचार्ज किया जाए। इनको ये भाजयुमो का ये आंदोलन दिखता है कि कैसे इसे कैसे छावनी में तब्दील किया जाए। कंटीला तार झारखंडी युवाओं को रोक पाएगा क्या। हम इनके तोप से नहीं डरने वाले।