logo

दिल्ली क्यों गये हैं झारखंड में कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री, सियासी गलियारों में उठे सवाल

a349.jpeg

द फॉलोअप डेस्क, रांची: 

झारखंड की चंपाई सोरेन कैबिनेट में शामिल कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री सोमवार को दिल्ली गये। वहां पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल सहित अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। कहा जा रहा है कि सभी मंत्रियों को उनकी रिपोर्ट कार्ड के साथ दिल्ली तलब किया गया था। सोमवार को झारखंड सरकार में कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम दिल्ली गये। मंत्रियों के दिल्ली प्रवास को कई एंगल से देखा जा रहा है। बता दें कि 16 फरवरी को जब मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था तो इन मंत्रियों को रिपीट किए जाने से पार्टी के अंदरखाने ही बागी स्वर उठे थे। 12 विधायकों ने मोर्चा खोल दिया था। 

नई चंपाई सरकार में मंत्रिपद पर हुआ था विवाद
बता दें कि 31 जनवरी को तात्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और इस्तीफे के बाद चंपाई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। एक ओर जहां चंपाई सोरेन नई सरकार बनाने को लेकर राजभवन से वार्ता करने में व्यस्त थे तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में मंत्रिपद को लेकर घमासान मचा था। विधायकों की राय थी कि पुराने मंत्रियों को मंत्रिमंडल में रिपीट नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। पुराने मंत्रियों ने ही 16 फरवरी को शपथ ली। इसके बाद कांग्रेस के 12 नाराज विधायक पहले तो रांची के एक होटल में जमा हुए और फिर शिल्पी नेहा तिर्की और पूर्णिमा नीरज सिंह को छोड़कर बाकी लोग दिल्ली रवाना हो गये। दिल्ली में विधायक, शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात पर अड़ गये। हालांकि, उनको वहां से समझा-बुझाकर वापस भेजा गया। कहा गया कि उनकी बातों पर विचार होगा। 

नाराज विधायकों ने मंत्रियों की शिकायत की थी
नाराज विधायकों में शामिल राजेश कच्छप ने कहा था कि मंत्री उनका फोन तक नहीं उठाते। इरफान अंसारी ने स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल पर सवाल उठाया था। विधायक अंबा प्रसाद ने कहा था कि मंत्री उनकी बात नहीं सुनते। जनता का कोई काम नहीं कराते। ऐसे में चुनाव के समय जनता का सामना करना मुश्किल होगा। पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा था कि संगठन, कोई भी फैसला लेने में केवल तात्कालिक कारकों का खयाल करता है। हालांकि, बजट सत्र में विधायकों ने सत्ता पक्ष के साथ पूरी एकजुटता दिखाई।

कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के दिल्ली प्रवास पर उठे सवाल
अब झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के दिल्ली प्रवास पर कई प्रकार के सवाल खड़े हो रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि शीर्ष नेतृत्व ने उनको रिपोर्ट कार्ड के साथ बुलाया है। वहीं, कुछ सियासी जानकारों का मानना है कि विधायकों को आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर, झारखंड की मौजूदा सियासी परिस्थितियों से संबंधित जानकारी लेने के लिए बुलाया गया है। गौरतलब है कि झारखंड की 14 में से 11 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है वहीं महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर कुछ फाइनल नहीं हो सका है।