द फॉलोअप डेस्क
सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन जारी रहेगा। विधायकों से वार्ता होने के बाद भी सहायक पुलिसकर्मियों ने आंदोलन न खत्म करने की बात कही है। उनका कहना है कि सोमवार हुई वार्ता में जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है, अगर वो मांग 24 जुलाई को होने वाले कैबिनेट में मान ली जाती है, तभी वे अपना आंदोलन समाप्त करेंगे। जब तक सरकार उनकी मांगों को कैबिनेट में नहीं लाती है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। ऐसे में कल होने वाले कैबिनेट की बैठक पर सबकी नजर रहेगी।
इन बिंदुओं पर विधायकों के साथ बैठक में बनी बात
गौरतलब है कि सहायक पुलिसकर्मियों से सोमवार को विधायकों ने बात की थी। 6 घंटे तक चली मैराथन वार्ता में मानदेय में 30 फ़ीसदी की बढ़ोतरी,1 साल का अवधि विस्तार,होमगार्ड और वन आरक्षी की बहाली पर रिजर्वेशन पर सहमति बनी है। इसके अलावा सिपाही के तर्ज पर छुट्टी और सालाना 4 हजार रुपए भत्ता पर भी बात बनी है। जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी अब सहायक पुलिसकर्मियों अपना हड़ताल खत्म देंगे। लेकिन अब उन्होंने सरकार के आगे एक नई शर्त रख दी है।
वार्ता में ये विधायक रहे मौजूद
बता दें कि सहायक पुलिसकर्मियों के साथ वार्ता में झारखंड मुक्ति मोर्चा से पूर्व मंत्री और विधायक मथुरा महतो, विधायक सुदिव्य कुमार, सुखराम उरांव, कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगारी और सीपीआई माले के विधायक विनोद कुमार सिंह शामिल थे।
सहायक पुलिसकर्मियों पर डंडे भी बरसे
गौरतलब है कि 19 जुलाई को मोरहाबादी मैदान में धरना दे रहे सहायक पुलिसकर्मी सीएम आवास का घेराव करने निकले थे। इस दौरान उनपर झारखंड पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। सहायक पुलिसकर्मियों की बहाली दस हजार रुपये के मानदेय पर राज्य के 12 जिले गढ़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, दुमका व गिरिडीह में हुआ था।