द फॉलोअप डेस्क, दुमका:
दुमका के बहुचर्चित पेट्रोल कांड के दोषी शाहरुख हुसैन और मो. नईम अंसारी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो रमेश चंद्रा की अदालत ने दोनों को सजा सुनाई। इससे पहले 28 मार्च को दोनों को दोषी करार दिया गया था। गौरतलब है कि 22 अगस्त 2022 को दुमका में 16 साल की छात्रा अंकिता के शरीर पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई थी। रिम्स में इलाज के दौरान अंकिता की 27 अगस्त को मौत हो गई थी।
दुमका नगर थाना में दर्ज हुआ था मुकदमा
अंकिता हत्याकांड में दुमका के नगर थाना में पुलिस ने शाहरुख हुसैन और नईम अंसारी के खिलाफ धारा 302, 307, 326 ए, 354, 504, 506, 509, 34 और 120बी के साथ पॉक्सो की धाराओं में भी केस दर्ज किया गया था। तकरीबन 2 साल तक चली सुनवाई में कोर्ट में 51 लोगों की गवाही हुई। इसके बाद 28 फरवरी को कोर्ट ने शाहरुख और नईम को दोषी ठहराया। सजा सुनाने के समय दोनों दोषियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान अंकिता के पिता, दीदी और जीजाजी कोर्टरूम में मौजूद थे। शाहरुख और नईम को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये का जुर्माना की सजा दी गई है। क्या थे अंकिता के अंतिम शब्द
जिंदगी से जंग हारने से पहले अंकिता ने कहा था कि 'जिस तरह से मैं मर रही हूं, वैसी ही मौत वो भी मरेगा। अंकिता ने कहा था कि 10-15 दिन से उसे शाहरुख परेशान कर रहा था। वह उसका पीछा करता था। दोस्ती करने का दवाब बना रहा था। मना करने पर अंकिता और उसके परिवार वालों को मार देने की धमकी देता था। उस वक्त अंकिता को पता तक नहीं था कि वह उसके साथ कुछ ऐसा होगा।
क्या है मामला
बता दें कि मामला 22 अगस्त 2022 का है। शाहरुख नामक एक स्थानीय युवक अंकिता से एकतरफा प्यार करता था। उसने किशोरी को कई बार प्रपोज किया था। हर बार किशोरी ने इनकार कर दिया। इसके बाद शाहरुख ने अपने एक साथी की मदद से खिड़की के जरिए पेट्रोल छिड़का और उसके बाद आग लगा दी। इस घटना में 16 वर्षीय अंकिता बुरी तरह जल गई थी। पहले स्थानीय अस्पताल में इलाज हुआ। उसे रांची रिम्स रेफर कर दिया गया। यहां बुरी तरह झुलसी अंकिता 5 दिनों तक संघर्ष करती रही और फिर दम तोड़ दिया।