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राज्य के 602 ग्रामीण हाटों को आधारभूत संरचनाओं के साथ किया जाएगा विकसित- रवींद्र सिंह

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद के अध्यक्ष रवींद्र सिंह ने बुधवार को राज्य की कुल 28 बाजार समितियों के पणन सचिवों से वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। साथ ही राष्ट्रीय कृषि बाजार के प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि बाजार समितियों की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर हो चुकी है। 11 जिला में कृषि विपणन के लिए बाजार प्रागंण नहीं है। जबकि आने वाले समय में बाजार समितियों में किसानों के हित में कई आधारभूत संरचनाओं का विकास करना अति आवश्यक है।

सभी जिला मुख्यालय में होगी बाजार प्रागंण की स्थापना
समीक्षा बैठक के दौरान तय किया गया कि सभी जिला मुख्यालय में बाजार प्रागंण की स्थापना की जाएगी। बाजार समिति में खाली पड़ी जमीनों का समुचित उपयोग करते हुए वहां किसानों के लिए क्लीनिंग ग्रेडिंग और पैकेजिंग की व्यवस्था करना। छोटे-छोटे कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था सुनिश्चित करना, जिससे फल एवं सब्जियों के किसानों को इसका सीधा लाभ मिल सके एवं जर्जर हो चुके दुकान, गोदाम के स्थान पर नए दुकान, गोदाम का निर्माण किया जाएगा। साथ ही बाजार समिति द्वारा संचालित झारखंड राज्य के कुल 602 ग्रामीण हाटों को आधारभूत संरचनाओं के साथ विकसित किया जाएगा। जहां किसान उत्पादक संगठनों के लिए कलेक्शन सेंटर की व्यवस्था की जाएगी तथा उन्हें राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़कर किसान अपने उपज की ऑनलाइन बिक्री कर सकेंगे।

ई-नाम से संबद्ध कर उपज का अधिकतम मूल्य दिलाने का निर्देश
पणन सचिवों से उनके बाजार समितियों के अनुरूप क्षेत्र के उत्पादकता को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना की मांग की गई है
। साथ ही उन्हें किसानों से संपर्क कर ई-नाम से संबंध कर उपज का अधिकतम मूल्य दिलाने का निर्देश दिया गया। जो बाजार समितियां ई-नाम से नहीं जुड़ी है, उन्हें अपने किसानों को प्रशिक्षित कर ई-नाम से जुड़ी समितियों के माध्यम से लाभ दिलाने का प्रयास करें। अध्यक्ष ने यह भी बताया कि कृषि विपणन पर्षद किसानों के कल्याण के लिए कार्य करेगी। जल्द ही किसानों के कल्याणार्थ योजनाएं लागू करेगी। उक्त बैठक में प्रबन्ध निदेशक एवं सचिव झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद, रांची उपस्थित थे।