द फॉलोअप डेस्क, रांची:
झारखंड के गोड्डा जिला स्थित पोड़ैयाहाट थानाक्षेत्र अंतर्गत चतरा उत्क्रमित विद्यालय फायरिंग की आवाज से दहल गया। गोलियों का शोर थमा तो लाइब्रेरी में 2 लाशें पड़ी थी वहीं एक व्यक्ति सांसों के लिए संघर्ष कर रहा था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गोली इन्हीं 3 में से एक व्यक्ति ने चलाई थी। मृतकों की पहचान सुजाता और आदर्श के रूप में की गई है वहीं गंभीर रूप से जख्मी होकर अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे शख्स का नाम रविरंजन है। तीनों, इसी चतरा उत्क्रमित विद्यालय में बच्चों को पढ़ाते थे। मानें इसी स्कूल में टीचर थे। सवाल है कि कलम थामने वाले हाथों को कट्टा थाम लेने की नौबत क्यों आई। आखिर, मंगलवार को सुबह 11:15 बजे ऐसा क्या हुआ कि समाज गढ़ने वाला टीचर ही साथियों के खून का प्यासा बन गया।
आखिर, उत्क्रमित स्कूल चतरा की इस लाइब्रेरी में ऐसा क्या हुआ कि एक साथ 3 जिंदगियां तबाह हो गई। स्कूल में खौफनाक जुर्म की कहानी आपको सिलसिलेवार ढंग से बताएंगे। यह भी बताएंगे कि जब रिश्तों के धागे इतना उलझ जाते हैं कि सुलझाना मुमकिन नहीं तो किसी के अंदर कुछ टूट जाता है और फिर पैदा होता है खौफनाक जुर्म।
मंगलवार को दिन के 11:15 बजे हुई वारदात
मंगलवार की ये सुबह बाकी और दिन की तरह ही सामान्य थी। पौड़ेयाहाट के चतरा उत्क्रमित स्कूल में टीचर के रूप में पदस्थापित सुजाता रोज की तरह स्कूल गई थी। स्कूल का ही एक और टीचर आदर्श भी सुबह वक्त पर स्कूल आ गया था। दोनों स्कूल की लाइब्रेरी में बैठकर बातें कर रहे थे। दिन के करीब सवा 11 बजे होंगे। सुजाता और आदर्श संतरा खा रहे थे और गप्पें भी लड़ा रहे थे कि तभी वहां रविरंजन पहुंचा। रविरंजन इसी स्कूल में पढ़ाता है। बातों में मशगूल सुजाता और आदर्श को कहां पता था कि रविरंजन बेहद खतरनाक इरादे लेकर उनके पास पहुंचा है। उन्होंने उसे भी बैठने का इशारा किया। तीनों में कुछ बात हुई और तभी धायं...धायं..धायं। एक के बाद एक 5 गोलियां चली और लाइब्रेरी में खून के छींटे बिखर गये।
आरंभिक जांच में पता चला है कि रविरंजन ने अपने पास रखे देशी कट्टे से पहले आदर्श को 2 गोलियां मारी। सुजाता ने भागने की कोशिश की तो उसे भी गोली मार दी। रविरंजन ने फिर कट्टा अपने सिर से सटाया और ट्रिगर दबा दिया। किसी कटे हुए पेड़ की तरह रविरंजन भी फर्श पर आ गिरा। फायरिंग की आवाज सुनकर बाकी टीचर और छात्र लाइब्रेरी की ओर दौड़े लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। इससे भी साबित होता है कि यह कोई अचानक घटी घटना नहीं थी बल्कि रविरंजन पूरी प्लानिंग के साथ कट्टा लेकर स्कूल पहुंचा था। हालात ऐसे थे कि सुजाता, आदर्श और रविरंजन को लाइब्रेरी से निकालने के लिए पुलिस को दरवाजा तोड़ना पड़ा।
पुलिस ने सुजाता और आदर्श के शवों का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया। रविरंजन को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। अब सवाल ये है कि आखिर एक टीचर ने अपने साथियों पर गोली क्यों चलाई। इसकी नौबत ही क्यों आई। ऐसा क्या था तीनों के रिश्ते में कि जिसका अंजाम इतना खौफनाक हुआ। चलिये जानते हैं।
सुजाता से आदर्श और रविरंजन का प्रेम-प्रसंग :
पहले बात सुजाता की करते हैं। सुजाता पौड़ेयाहाट के डांड़े गांव में रहती है। इस गांव में सुजाता का मायका है। कुछ साल पहले उसकी शादी बिहार के बांका जिला के बौंसी में हुई थी। पति एयरफोर्स में तकनीकी शाखा में पोस्टेड है। जब सुजाता की पोस्टिंग पोड़ैयाहाट के चतरा स्कूल में हो गई तब सुजाता मायके में रहकर, चतरा उत्क्रमित स्कूल में टीचर की नौकरी करने लगी। पति बाहर फौज में था। यहीं, सुजाता की तन्हाई का सहारा बना, उसी स्कूल में पढ़ाने वाला रविरंजन (जो पहले से अपनी पत्नी के साथ तलाक का केस लड़ रहा है) सुजाता की रविरंजन से पहले दोस्ती हुई और फिर प्यार हो गया। दोनों प्यार में थे। स्कूल में साथ पढ़ाते थे। प्यार परवान चढ़ रहा था। सुजाता और रविरंजन के बीच सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कहानी इतनी सिंपल नहीं है।
सुजाता और रविरंजन का रिश्ता आहिस्ता-आहिस्ता जिंदगी की पटरी पर सही चल रहा था, तब तक, जब तक कि इसमें आदर्श की एंट्री हो गई।
यूपी के चंदौली का रहने वाला था मृत शिक्षक आदर्श कुमार
कुछ समय पहले ही उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के रहने वाले आदर्श सिंह की नियुक्ति चतरा उत्क्रमित स्कूल में हो गई। आदर्श युवा था। देखने सुनने में आकर्षक भी। उसकी पर्सनालिटी से सुजाता प्रभावित हो गई। कुछ ही समय में सुजाता और आदर्श की दोस्ती हो गई और फिर रिश्ता प्यार में तब्दील हो गया। आदर्श से नजदीकियां बढ़ी तो सुजाता ने रविरंजन से दूरियां बना ली। रविरंजन से यह बर्दाश्त नहीं हुआ। सुजाता से दूरी रविरंजन सह नहीं पा रहा था लेकिन किसे अंदाजा था कि उसके मन में एक खौफनाक इरादा नासूर बन जाने की हद तक पल रहा है। मंगलवार को रविरंजन पहले से ही 3 देशी कट्टा लेकर स्कूल पहुंचा। लाइब्रेरी गया।
लाइब्रेरी में सुजाता और आदर्श बैठे बातें कर रहे थे कि तभी दरवाजा बंद कर रविरंजन ने आदर्श को 2 गोलियां मार दी। आदर्श कुर्सी पर निढाल होकर गिर पड़ा। यह देख बदहवास सुजाता ने भागने की कोशिश की लेकिन रविरंजन के इरादे खतरनाक थे। सुजाता कुर्सी से उठकर जब तक दरवाजा खोल पाती, रविरंजन ने उसे भी गोली मार दी। सुजाता की मौके पर ही मौत हो गई। सुजाता और आदर्श की हत्या करने के बाद रविरंजन ने खुद को भी गोली मार ली।
रविरंजन की हालत नाजुक है। उसे भागलपुर के मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस और फॉरेसिंक की टीम ने सबूत जुटाये हैं। रविरंजन का फिंगर प्रिंट लिया गया। घटनास्थल से 3 देशी कट्टा बरामद हुआ है। एक कथित प्रेमी की सनक ने 2 कीमती जिंदगियां छीन ली। खुद भी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। ये घटना अपने पीछे कई गंभीर सवाल छोड़ गई है।
पौड़ेयाहाट की वारदात ने स्कूलों में सुरक्षा पर सवाल खड़े किए
स्कूल जिसे शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, वहां एक टीचर का अपने साथियों की हत्या कर देना कितनी घिनौनी बात है। यह शिक्षा के मंदिर में शिक्षकों के नैतिक पतन का एक उदाहरण कहा जाएगा। सवाल सुरक्षा पर भी है कि आखिर कैसे एक टीचर हथियार लेकर स्कूल पहुंचा और किसी को भनक तक नहीं लगी। सवाल ये भी है कि क्या होता यदि उस समय लाइब्रेरी में बच्चे भी होते। सवाल कई हैं लेकिन जवाब किसी के पास नहीं। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है।
खबर अपडेट : इस ह'त्या'कां'ड को अंजाम देने वाला और जिंदगी मौत से जूझ रहे रविरंजन को मायांगज से रेफर करने के बाद मौत हो गई और इस प्रकार तीनो प्रेम कहानी का द एंड हो गया ।