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नीति आयोग और AVA की पहल : 73 जिलों में बच्चों को देंगे शिक्षा और 15,000 गांवों को बनाएंगे ‘बाल विवाह मुक्त’

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द फॉलोअप डेस्क 
नीति आयोग और एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (AVA) ने देश के बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक पहल की है। दोनों संगठनों ने मिलकर अगले एक साल में 15,000 गांवों को ‘बाल विवाह मुक्त’ घोषित करने का लक्ष्य रखा है। इस पहल के तहत 12 राज्यों के 73 जिलों के कमजोर और पिछड़े क्षेत्रों में काम किया जाएगा।

क्या है उद्देश्य:

बच्चों को बाल मजदूरी, बाल तस्करी और बाल विवाह जैसी समस्याओं से बचाना।
स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास के अवसर प्रदान करना।
जोखिमग्रस्त परिवारों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना।
पंचायत स्तर पर ‘मोवमेंट और मैरिज रजिस्टर’ तैयार कर बाल विवाह और तस्करी पर रोक लगाना।



यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में शुरू किए गए ‘महत्वाकांक्षी जिला कार्यक्रम’ (ADP) के तहत चलाई जाएगी। AVA और नीति आयोग मिलकर बाल सुरक्षा समितियों को मजबूत करेंगे, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे और समुदायों को जागरूक करने का कार्य करेंगे।

‘सुरक्षित बाल ग्राम’ का मॉडल:
AVA के सदस्य संगठन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ (JRC) द्वारा विकसित ‘सुरक्षित बाल ग्राम’ मॉडल को इन जिलों में लागू किया जाएगा। JRC एक नेटवर्क है जो 26 राज्यों के 416 जिलों में बच्चों के अधिकार और सुरक्षा पर काम कर रहा है।

कार्यकारी निदेशक ने क्या कहा:
AVA के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने इस मौके पर कहा, "यह कदम समाज के सबसे कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। 2025 तक इन ब्लॉकों को बाल विवाह मुक्त बनाना और बच्चों को शिक्षा और गरिमा का अधिकार दिलाना हमारी प्राथमिकता है।"

नीति आयोग राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और जिला प्रशासन के साथ मिलकर इस योजना को लागू करेगा। वहीं, AVA परिवारों की पहचान कर, बाल तस्करी और बाल विवाह के मामलों पर त्वरित हस्तक्षेप सुनिश्चित करेगा।

यह संगठन डिजिटल स्पेस में बाल शोषण और तस्करी से निपटने में विशेषज्ञता रखता है। यह परियोजना को शोध, प्रशिक्षण और निगरानी के माध्यम से सहयोग प्रदान करेगा।

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