द फॉलोअप डेस्क
पटना में गेस्ट शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। सोमवार को शिक्षा विभाग के फरमान का विरोध करने मुख्यमंत्री आवास के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे गेस्ट टीचरों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। दरअसल, 31 मार्च के बाद बिहार के 4257 अतिथि शिक्षकों को सेवा मुक्त कर दिया गया है। इसे लेकर वो लोग आज सीएम नीतीश कुमार के सामने गुहार लगाने आए थे। गेस्ट शिक्षक चाहते है कि फिर से सरकार से बहाली और स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं। हालांकि निषेध क्षेत्र होने के कारण पुलिस ने उन्हें हटाना चाहा और प्रदर्शन करने से रोका लेकिन नहीं मानने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर गेस्ट शिक्षकों को वहां से भगाया।
दूसरे प्रदेश के लोगों के दी जा रही नौकरी और हमें सेवामुक्ति
अतिथि शिक्षकों का कहना था कि 2018 से हमलोग काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री ऐसा वैकेंसी निकालते थे जिसे बाद में परमानेंट किया जाता था। हम लोग की कोई गलती नहीं थी लेकिन हम लोगों की सेवा को समाप्त कर दिया गया। बिहार में दूसरे प्रदेशों के लोगों को नौकरी दी जा रही है लेकिन हमलोगों को बेरोजगार किया जा रहा है। हम लोगों की गलती क्या है। जब हम लोग यहां पहुंचते हैं मिलने के लिए तो यहां से भगा दिया जाता है और आचार संहिता की दुहाई दी जाती है।
जानिए शिक्षकों क्यों हटाया
शिक्षा विभाग की तरफ से जारी लेटर में कहा गया है कि 25 जनवरी 2018 से राज्य में उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की सेवा ली जा रही है। अभी वर्तमान में कक्षा-9वीं और 10वीं के लिए 37 हजार 847, कक्षा-11वीं और 12वीं के लिए 56 हजार 891 और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल-94 हजार 738 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इन शिक्षकों ने स्कूलों में जॉइन भी कर लिया है। इस स्थिति में अतिथि शिक्षकों को सेवा में बनाए रखने की कोई आवश्यकता नहीं है।शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि 1 अप्रैल से किसी भी परिस्थिति में इन अतिथि शिक्षकों से अब सेवा नहीं ली जाए। अतिथि शिक्षकों के सेवा नहीं लेने का प्रमाण पत्र 3 अप्रैल तक जमा कराएं।
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