द फॉलोअप डेस्क
किऊल-गया रेलखंड पर गुरुवार से रद्द की गई ट्रेनों का परिचालन अभी तक सुचारू नहीं हो सका है। इससे जिले के रेल यात्रियों में भारी नाराजगी है। यात्रियों को अभी फिलहाल किसी भी प्रकार की सहूलियत मिलने की संभावना नहीं दिख रही है, क्योंकि रद्द की गई ट्रेनों के परिचालन को 28 फरवरी तक और बढ़ा दिया गया है।
4 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन रहेगा रद्द
दरअसल, गया जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 6 और 7 के पुनर्विकास का काम चल रहा है। इस काम के लिए 45 दिनों का मेगा ब्लॉक लिया गया था, जो 24 नवंबर से 7 जनवरी तक लागू रहा। इस दौरान रेलखंड पर 8 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ था। अब 16 जनवरी से इस पुनर्विकास काम को लेकर आदेश जारी किया गया है कि 17 जनवरी से लेकर 28 फरवरी तक 4 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन फिर से रद्द रहेगा।
रेल यात्रियों की बढ़ी समस्याएं
इस निर्णय के बाद रेल यात्रियों की समस्याएं और बढ़ गई हैं। क्योंकि इतने लंबे समय तक रेल परिचालन में व्यवधान और कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने से यात्रियों को बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन ट्रेनों का परिचालन रद्द किए जाने का तरीका भी यात्रियों के लिए बेहद असुविधाजनक साबित हो रहा है। मौजूदा स्थिति में 2 फास्ट पैसेंजर और 6 पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन रद्द किया गया है, जिसके कारण सरकारी कर्मचारियों और दैनिक यात्रियों को समय पर अपने कार्यस्थल पहुंचने में परेशानी हो रही है। खासकर तिलैया, नवादा, वारिसलीगंज, काशीचक और शेखपुरा तक जाने वाले यात्री हमेशा देर से कार्यालय पहुंच रहे हैं।
इसके अलावा 03615 जमालपुर-गया फास्ट पैसेंजर, 03616 गया-जमालपुर फास्ट पैसेंजर और किऊल से गया के लिए सुबह परिचालित 03627 किऊल-गया पैसेंजर के रद्द होने से यात्रियों को भारी कठिनाई हो रही है। कुछ लोगों का कहना है कि महाकुंभ मेला के लिए प्रयागराज में रैक भेजे जाने के कारण ट्रेनों की उपलब्धता नहीं हो पा रही है।
28 फरवरी तक रद्द की गईं ट्रेनें
- 53631 झाझा-गया पैसेंजर
- 53632 गया-झाझा पैसेंजर
- 53634 गया-किऊल पैसेंजर
- 53635 किऊल-गया पैसेंजर
- 53636 गया-किऊल पैसेंजर
- 53627 किऊल-गया पैसेंजर
- 53615 जमालपुर-गया फास्ट पैसेंजर
- 53616 गया-जमालपुर फास्ट पैसेंजर
ऐसे में सवाल उठता है कि जब इतनी लंबी अवधि के लिए ट्रेनें रद्द की जा रही हैं। तो यात्रियों के लिए वैकल्पिक साधनों की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है। इस निर्णय से जिले के रेल यात्रियों की परेशानियां और बढ़ गई हैं। इस कारण वे जल्द ही उचित समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।