द फॉलोअप डेस्क
झारखंड हाई कोर्ट ने आज दो जनहित याचिकाओं में अपना फैसला सुनाया और दोनों ही याचिकाओं को खारिज कर दिया।
पहली याचिका – खरकई डैम प्रोजेक्ट
संतोष कुमार सोनी द्वारा दायर जनहित याचिका में सरायकेला के खरकई डैम प्रोजेक्ट में 6 हजार करोड़ से अधिक राशि खर्च किए जाने के बाद राज्य सरकार द्वारा इसे बंद करने पर आपत्ति जताई गई थी। प्रार्थी का कहना था कि 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च करने के बाद वर्ष 2020 में एक पत्र के जरिए इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया, जबकि इसके लिए जमीन का अधिग्रहण भी हो चुका था और विस्थापितों के लिए नया बसावट स्थल भी तैयार किया गया था। इस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
दूसरी याचिका – धनबाद में रिंग रोड निर्माण
अजय नारायण लाल द्वारा दायर दूसरी जनहित याचिका में धनबाद में प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण कार्य की स्थिति पर सवाल उठाए गए थे। प्रार्थी ने बताया कि 16 मई 2011 को राज्य सरकार ने धनबाद में रिंग रोड बनाने के लिए अधिसूचना जारी की थी और झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकरण को निर्माण कार्य की जिम्मेदारी दी थी। हालांकि, 13 वर्षों के बाद भी रिंग रोड का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया, जबकि इसके लिए जमीन का अधिग्रहण भी किया गया और 76 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इस याचिका को भी हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया।
दोनों मामलों में झारखंड हाई कोर्ट ने प्रार्थियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया और राज्य सरकार के निर्णयों को चुनौती देने से इंकार किया।