द फॉलोअप डेस्क
बिहार की राजधानी पटना से भोजपुर होते हुए सासाराम तक ग्रीनफील्ड फोरलेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण जल्द ही शुरू होने वाला है। केंद्रीय वित्त कमेटी की सार्वजनिक निजी भागीदारी मूल्यांकन समिति (पीपीपीएसी) से मंजूरी मिलते ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 की समाप्ति से पहले निर्माण के लिए राशि जारी होने की उम्मीद है, और संभावना जताई जा रही है कि मार्च महीने में कमेटी इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण की मंजूरी दे देगी। इस परियोजना का कुल अनुमानित लागत 3209 करोड़ रुपये है, और यह 120 किलोमीटर लंबी नई सड़क (ग्रीनफील्ड) होगी, जिससे पांच जिलों के लोगों को फायदा होगा।
इस फोरलेन एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से स्वीकृति 27 सितंबर को प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत मिल चुकी थी। एनएचएआई ने निविदा जारी कर दी है, और ठेकेदारों से आवेदन 6 मार्च तक लिए जाएंगे।
पटना से सासाराम जाने में होगी सुविधा
पटना-आरा-सासाराम एनएच-119ए के निर्माण के तहत सोन नदी पर एक नया फोरलेन पुल बनेगा। यह सड़क आरा शहर के बाहर से होकर गुजरेगी, जिससे भोजपुर के दक्षिण हिस्से से वाहन बिना आरा शहर से गुजरे सीधे पटना पहुंच सकेंगे। इससे सासाराम से पटना आने-जाने में समय की बचत होगी।
पटना के सदीसोपुर से शुरू होगा एक्सप्रेस-वे
यह एक्सप्रेस-वे पटना के कन्हौली से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित सदीसोपुर के समीप एनएच-131जी से शुरू होगा। इसके बाद यह सड़क पटना के घोड़ाटाप के समीप दक्षिण की ओर सोन नदी के ऊपर पुल का निर्माण करेगी। यह पुल सोन नदी के पश्चिम से आरा के असनी होते हुए गड़हनी में दक्षिण की तरफ सासाराम के आगे सुअरा होते हुए एनएच-19 से जुड़ेगा, जो वाराणसी जाने वाली सड़क से संपर्क करेगा।
पांच जिलों को होगी सुविधा
पटना से आरा होते हुए सासाराम तक इस सड़क के निर्माण से पटना, अरवल, भोजपुर, रोहतास और सासाराम जिले आपस में जुड़ जाएंगे। विशेष रूप से नौबतपुर, अरवल, सहार, पीरो, हसन बाजार, संझौली और नोखा के लोग इससे लाभान्वित होंगे। इस नई सड़क से पटना से भोजपुर, अरवल, रोहतास, सासाराम होते हुए वाराणसी जाने में भी सुविधा होगी।
निर्माण कार्य दो पैकेजों में होगा
इस सड़क का निर्माण दो पैकेजों में होगा। पहले पैकेज में सासाराम से आरा तक लगभग 75 किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी। दूसरे पैकेज में आरा से पटना तक लगभग 45 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा। इसके लिए 760 करोड़ रुपये से 550 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके साथ ही सोन नदी पर लगभग 3 किलोमीटर लंबा फोरलेन पुल भी बनाया जाएगा। इस सड़क को भारत सरकार की ओर से एनएच 119ए का दर्जा दिया गया है।