द फॉलोअप डेस्क
बिहार के CHO भर्ती ऑनलाइन परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले मास्टर माइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि इस परीक्षा में भर्ती लेने की जिम्मेदारी संस्थान की ओर से वी साइन कंपनी को दी गई थी। वी साइन कंपनी ने ही पटना में कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) भर्ती परीक्षा के लिए सेंटर तय किए थे। इसी के साथ परीक्षा माफियाओं ने भी ऑनलाइन सेंटर पर पूरी तरह से मैनेज तैयारी कर ली थी, वो पैसा लेकर यहां फर्जी तरीके से भर्ती करवा रहे थे। हालांकि, आर्थिक अपराध इकाई को इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिल गई। इसके बाद ऑनलाइन सेंटर पर छापेमारी की गई और 12 सेंटर को लॉक कर दिया गया।मास्टर माइंड की निशानदेही पर हो रहा सेंटर मालिकों का लोकेशन ट्रैक
इस मामले में पुलिस ने पैसा लेकर फर्जी तरीके से परीक्षा दिलाने वाले मास्टर माइंड को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस गिरफ्तार अभियुक्त की निशानदेही पर फरार चल रहे ऑनलाइन सेंटर के मालिकों की लोकेशन ट्रैक कर रही है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस कई ऑनलाइन सेंटर के मालिकों का लोकेशन ट्रैक कर ली है। अब किसी भी क्षण उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
ऑनलाइन सेंटर संचालकों पर लगा 10 लाख का जुर्माना
इधर, ऑनलाइन सेंटरों में सीएचओ की भर्ती परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी वी साइन ने ऑनलाइन सेंटरों में गड़बड़ी करने वाले सेंटर संचालकों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वी साइन ने ऑनलाइन सेंटरों के मालिक को मेल कर इसकी जानकारी दी है। कंपनी का कहना है कि परीक्षा माफियाओं की ऑनलाइन सेंटरों से सांठगांठ के कारण कंपनी को काफी नुकसान हुआ है। इस कारण संस्थान के नाम पर भी दाग लगा है। इसी वजह से सेंटर देने के समय जो आपके साथ समझौता हुआ है, उसके अनुसार आप 10 लाख रुपये कंपनी के खाते में जमा कर दें।पुलिस की रडार पर वी साइन कंपनी
वहीं,पुलिस की जांच में परीक्षा आयोजित करवाने वाली संस्थान वी साइन रडार पर है। मिली जानकारी के अनुसार, जो सुराग अभी तक मिले हैं, उसके अनुसार संस्थान के लोग ही ऑनलाइन सेंटर के मालिकों और कर्मचारियों के साथ मिलकर गड़बड़ी कर रहे थे। इन्हीं लोगों की मदद से कंप्यूटर में एनी डेस्क इंस्टॉल कराया गया था। साथ ही ऑपरेटिंग सिस्टम भी बदला गया था, ताकि किसी को इसकी भनक भी न लगे।
लेकिन पुलिस जांच में सब कुछ सामने आ गया। फिर मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई ने अपने FIR में ऑनलाइन परीक्षाओं में चल रहे खेल का उजगार करते हुए लिखा कि सील किए गए सभी 12 ऑनलाइन परीक्षा सेंटर मैनेज थे, जिसमें सेंटर मालिक से लेकर परीक्षा का आयोजन करने वाली एजेंसी वी साइन के कर्मियों की बड़ी भूमिका थी।