मुजफ्फरपुर :
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से बाल विवाह का एक मामला सामने आया है। यहां 9वीं कक्षा की एक नाबालिग की शादी करवाई जा रही थी। लेकिन चाइल्ड लाइन की टीम ने प्रशासन की मदद से इसे रूकवाया। इस विवाह को रोकने के लिए चाइल्ड लाइन सब सेंटर मीरापुर की टीम समन्वयक आभा कुमारी के द्वारा बन्दरा प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन देकर इसपर तुरंत कारवाई करने की मांग की थी। उसी आवेदन पर चाइल्ड लाइन की टीम ने तुरंत कारवाई करते हुए गांव पहुंची और शादी पर रोक लगाया।
ट्रोल फ्री नंबर पर आया था फोन
चाइल्ड लाइन सब सेंटर मीरापुर की टीम समन्वयक द्वारा दिये आवेदन में लिखा गया था कि उनके ट्रोल फ्री नंबर पर पियर गांव से किसी नाबालिग का फोन आया था जिसने उन्हें गांव में बाल विवाह होने की सूचना दी। तभी चाइल्ड लाइन की टीम बात की पुष्टि करने उस नाबालिग के घर पहुंची। जहां उसके माता-पिता ने बेटिया की शादी की तैयारियों में जुटे थे। वही उस नाबालिग ने कहा कि उसे विवाह के बारे में कुछ पता नहीं था। उसने कहा कि वह उच्च विद्यालय पियर में नौवीं कक्षा की छात्रा है।
बुद्धिजीवियों की मदद से नाबालिग के माता-पिता को समझाया
इस मामले को लेकर बंदरा के बीडीओ प्रशांत कुमार ने बताया कि उन्हें इस बाल विवाह की सूचना चाइल्ड लाइन की टीम से मिली। जिसके बाद उनके सहयोग से इस बाल विवाह को रूकाया गया। नाबालिग के माता-पिता को समझाने की कोशिश की गई पहले तो वे जिद पर अड़े थे कि यह शादी होकर ही रहेंगी लेकिन बाद में गांव के कुछ बुद्धिजीवियों को बुलाकर फिर बैठक कर उन्हें समझाया गया। तब जाकर वे लोग शादी नहीं करने की बात स्वीकार की।
बाल विवाह एक वैश्विक मुद्दा
बाल विवाह एक वैश्विक मुद्दा है और हमारे देश में बाल-विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह और इससे जुड़े और आकस्मिक मामलों पर पूर्ण प्रतिबंध है। इसमे हर देशवासी को यह सुनिश्चित करना है कि समाज के भीतर से बाल विवाह की पूर्ण रूप से समाप्ति करना है। बता दें कि भारत सरकार ने बाल विवाह निरोधक अधिनियम 1929 के पहले के कानून के स्थान पर बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 को अधिनियमित किया।