द फॉलोअप डेस्क
बिहार के भागलपुर जिले के किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि जहां मेगा फूड पार्क का सपना अभी अधूरा है, वहीं बागवानी विभाग ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई योजनाओं की शुरुआत करने की तैयारी कर ली है। इन योजनाओं के तहत आम, लीची और केला के बेहतर विपणन और संरक्षण के लिए पैक हाउस बनाए जाएंगे। इनमें 3 नए पैक हाउस आम के लिए और एक-एक पैक हाउस लीची और केला के लिए बनाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। इसके अलावा फल और सब्जियों की बर्बादी को रोकने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट्स भी स्थापित करने की योजना है। इससे किसान अपने उत्पादों जैसे अचार, जैम आदि का उत्पादन कर उनका उचित उपयोग कर सकेंगे।
भागलपुर में बड़े पैमाने पर होती है बागवनी
मिली जानकारी के अनुसार, भागलपुर का कृषि क्षेत्र बड़े पैमाने पर फल उत्पादन करता है। इसमें 9000 हेक्टेयर में आम, 2000 हेक्टेयर में केला और 900 हेक्टेयर में लीची की बागवानी होती है। लेकिन अब तक इन फलों का सही विपणन और संरक्षण नहीं हो पाया है। पैक हाउस और प्रसंस्करण इकाइयों की कमी के कारण किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य नहीं मिल पाता। ऐसे में लगभग 40 प्रतिशत फल और सब्जियां बर्बादी हो जाते हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है। पैक हाउस बनाने की है तैयारी
बताया गया कि इस स्थिति को सुधारने के लिए एकीकृत पैक हाउस बनाने की योजना तैयार की गई है। इसके साथ ही कृषि मंत्रालय से सब्सिडी राशि बढ़ाने की भी मांग की गई है, ताकि अधिक निवेशक इसमें रुचि दिखा सकें। इसके अलावा किसानों को पैकेजिंग सामग्री भी सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे फलों का विपणन बेहतर तरीके से हो सके।
मालूम हो कि भागलपुर का दियारा क्षेत्र खरबूजे और तरबूज की खेती के लिए उपयुक्त है। यहां की मिट्टी और मौसम इन फसलों के लिए आदर्श हैं। इस क्षेत्र में परवल जैसी लता वाली सब्जियों की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है। कृषि और बागवानी का यहां जबरदस्त उत्पादन होता है। लेकिन विपणन और प्रसंस्करण सुविधाओं की कमी के कारण किसानों को उचित लाभ नहीं मिल पाता है।
किसानों को मिलेगा सही मूल्य
भागलपुर में उत्पादित फलों और सब्जियों का प्रसंस्करण करने से किसानों को सही मूल्य मिल सकता है। यह क्षेत्र पूर्वी भारत का सबसे बड़ा फल और सब्जी उत्पादक केंद्र बन सकता है। जानकारी हो कि सरकार की इस योजना से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि निवेशकों को भी आकर्षित किया जा सकेगा। खाद्य प्रसंस्करण इकाई से किसानों की आय में काफी वृद्धि हो सकती है।