रांची
बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री और राजद नेता मोहम्मद इलियास हुसैन को 28 साल पुराने अलकतरा घोटाले में दोषी ठहराते हुए CBI की विशेष अदालत ने पांच साल की सजा और 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह मामला 1994 से 1996 के बीच 1.57 करोड़ रुपये के अलकतरा की हेराफेरी से संबंधित है, जिसमें हुसैन समेत सात अभियुक्तों को दोषी पाया गया। अन्य दोषियों में उनके निजी सचिव शहाबुद्दीन बेग, पीएंडटी के निदेशक केदार पासवान, उपनिदेशक मुजतबा अहमद, कार्यपालक अभियंता रामानंद राम, सेक्शन पदाधिकारी शोभा सिन्हा और ट्रांसपोर्टर आपूर्तिकर्ता दुधेश्वर नाथ सिंह शामिल हैं।
CBI की विशेष अदालत के न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा ने सभी दोषियों को पांच-पांच साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई। विशेष रूप से, आपूर्तिकर्ता दुधेश्वर नाथ सिंह पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि अन्य छह दोषियों पर 20-20 लाख रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है। जुर्माना न भरने की स्थिति में अतिरिक्त जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। यह मामला उस समय का है जब चतरा में सड़कों के निर्माण के लिए हल्दिया ऑयल रिफाइनरी से अलकतरा की आपूर्ति होनी थी, लेकिन मंत्री और इंजीनियरों ने मिलकर 3,266 मीट्रिक टन अलकतरा की अवैध बिक्री कर सरकार को 1.57 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। इससे पहले, सितंबर 2018 में, इलियास हुसैन को अलकतरा घोटाले के एक अन्य मामले में चार साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके परिणामस्वरूप उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी।