द फॉलोअप डेस्क
मोतिहारी जिले के जिलाधिकारी (डीएम) सौरभ जोरवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए भूअर्जन कार्यालय के दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई एक किसान से मुआवजा देने के नाम पर रिश्वत मांगने के आरोप में की गई है।
डीएम सौरभ जोरवाल ने निम्नवर्गीय लिपिक प्रिय रंजन कुमार और परिचारी अर्जुन कुमार को रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित किया है। दोनों कर्मचारी जिला भूअर्जन कार्यालय में तैनात थे। डीएम ने इस मामले की गहन जांच के निर्देश दिए हैं और विभागीय कार्रवाई के लिए भी कदम उठाने की बात कही है। वहीं, डीएम ने प्रखंड विकास पदाधिकारी संग्रामपुर को आदेश दिया है कि प्रिय रंजन कुमार के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर उसे एक सप्ताह के भीतर जिला गोपनीय कार्यालय में जमा कराएं।
मामला इस तरह का था कि एक किसान ने डीएम सौरभ जोरवाल को आवेदन देकर बताया था कि उसकी जमीन का अधिग्रहण भारत-नेपाल पथ परियोजना भू-अर्जन वाद संख्या-43/15-16 के तहत किया गया था। हालांकि, सारे दस्तावेज अंचल कार्यालय, रक्सौल, पूर्वी चम्पारण द्वारा भेजे जाने के बावजूद मुआवजा का भुगतान नहीं किया जा रहा था और भू-अर्जन कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा अवैध रूप से रिश्वत की मांग की जा रही थी।
डीएम ने इस आरोप को गंभीरता से लिया और प्रिय रंजन कुमार को बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली-1976 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 के तहत दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को और बल मिला है और रिश्वत मांगने वाले कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। डीएम और एसपी स्वर्ण प्रभात के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ यह अभियान अब और तेज हो गया है। इस कार्रवाई को लेकर क्षेत्र में व्यापक चर्चा हो रही है और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन के सख्त रवैये की सराहना की जा रही है।