पटना
वक्फ बोर्ड बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में भाजपा प्रदेश मीडिया विभाग के संयोजक दानिश इकबाल ने बिल का जोरदार समर्थन किया। उन्होंने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 को गरीब और पिछड़े मुसलमानों के हित में बताते हुए कहा कि इसके लागू होने से वक्फ बोर्ड के कार्यों में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकेगी।
दानिश इकबाल ने बैठक में स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रस्ताव स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि गैर-मुस्लिम में केवल हिंदू नहीं, बल्कि ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन समुदाय के लोग भी शामिल हो सकते हैं। इससे बोर्ड के कार्यों में संतुलन और पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने कहा, “पिछले 70 वर्षों में वक्फ बोर्ड भ्रष्टाचार रोकने में असफल रहा है,यह बिल वंचित, पिछड़े और पसमांदा समाज को उनके अधिकार दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा।”
दानिश ने पसमांदा समाज की भागीदारी की वकालत करते हुए कहा कि इस बिल के प्रावधानों से लोगों का वक्फ बोर्ड पर विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने समिति के समक्ष सुझाव दिया कि शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अलावा अलग-अलग फिरकों के वक्फ बोर्ड का निर्माण उचित नहीं है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "हिंदुस्तान में मुसलमानों के 72 फिरके हैं, तो क्या सरकार 72 वक्फ बोर्ड बनाएगी?"
उन्होंने जोर देकर कहा कि वक्फ बोर्ड एक धार्मिक संस्था या शरिया नहीं है, बल्कि यह बोर्ड उन संपत्तियों के संरक्षण और गरीबों, वंचितों, और जरूरतमंदों की भलाई के लिए है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस्लाम के सभी फिरकों के लिए एक ही वक्फ बोर्ड होना चाहिए। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल, सदस्य डॉ. संजय जायसवाल, अरुण भारती, असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य अधिकारी और सदस्य बैठक में उपस्थित रहे। दानिश इकबाल के सुझावों की समिति के अध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों ने सराहना की।