द फॉलोअप डेस्क, बिहार
बिहार बोर्ड ने 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस बार कुल 82.91 फीसदी स्टूडेंट पास किए हैं। सभी छात्रों ने अपने परिवार,स्कूल और जिले का नाम रौशन किया है। वहीं मुजफ्फरपुर के रहने वाले अंकित की कहानी बाकी बच्चों से थोड़ी अलग है। अंकित ने विषम परिस्थिति से लड़कर परीक्षा में सफलता प्राप्त की। फुटपाथ किनारे चाय बेचने वाले अंकित ने फर्स्ट डिवीजन लाकर सबको गौरवान्वित कर दिया। अंकित ने न ही कोई कोचिंग ली और न ही घंटों पढ़ाई की। उसने यह सफलता अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से पाया है। अंकित बड़ा होकर पुलिस अफसर बनना चाहता है।
कोरोना काल के दौरान पिता ने बेचा अपना ई रिक्शा
मुजफ्फरपुर के रेड लाइट बस्ती चतुर्भुज स्थान चौक पर चाय की दुकान लगाने वाले अंकित ने परिवार की परवरिश के साथ यह सफलता पाई है। जिस वक्त सारे बच्चे स्कूल पढ़ने जाते उस वक्त अंकित फुटपाथ के किनारे लोगों के गरमागरम चाय पिलाता था। अंकित के पिता ई रिक्शा चालक हैं। हालांकि कोरोना काल में पैसे की तंगी के वक्त उन्होंने अपना रिक्शा बेच दिया। इसके बाद अंकित ने परिवार की जिम्मेदारी उठाई और चाय की दुकान खोली। अंकित दिन भर फुटपाथ के किनारे लोगों को गरमागरम चाय पिलाता। इस दौरान बगल में उसके किताब खुली होती। वह दोनों काम साथ करता था।
मोहल्ले के बदमाश बच्चे ने किया सबका नाम रौशन
परीक्षा में फर्स्ट डिविजन के पास हुए अंकित के दुकान पर लोग पहुंचकर उसे बधाई दे रहे हैं। उसके परिजन बेटे की सफलता से काफी खुश हैं। मोहल्ले के लोग भी काफी खुश हैं। मोहल्ला कभी अपनी बदनामी के लिए जाना जाने वाला अंकित ने अब सबका नाम रौशन कर दिया है।अंकित आगे पढ़ाई पूरी करके पुलिस अफसर बनना चाहते हैं। वहीं आज उसी मुहल्ले के बच्चे ने सबका नाम रौशन कर दिया। यह तो बस शुरुआत है। आगे मंजिल तक सफर बाकी।
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