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lunar eclipse 2022 : कल लगेगा चंद्रग्रहण, भूलकर भी ना करें ये काम 

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डेस्क
भारत में साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 08 नवंबर को लगने वाला है। भारत में चंद्रग्रहण के शाम 4 बजकर 24 मिनट से दिखाई देगा इसका मध्य काल दोपहर बाद 3 बजकर 47 मिनट पर होगा और इसका मोक्ष काल शाम 6 बजकर 19 मिनट पर रहेगा। अतः इस ग्रहण का पर्वकाल 03 घंटे 39 मिनट का होगा। चंद्र ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले इसका सूतक काल शुरू हो जाएगा। सूतक काल 9 बज कर 21 मिनट से लग जायेगा। ग्रहण से पहले 3 प्रहर का सूतक लग जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह चंद्र ग्रहण भारत के पूर्वी क्षेत्रों में दिखाई देगा। रांची, पटना, गुवाहाटी, सिलिगुड़ी और कोलकाता के अलावा दिल्ली में भी चंद्र ग्रहण देखा जा सकेगा। 


चंद्रग्रहण का प्रभाव
इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव भारत समेत दक्षिणी/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और हिंद महासागर पर पड़ेगा। चंद्र ग्रहण देश के कई हिस्सों में आंशिक रूप से दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार इस चंद्रग्रहण का स्पर्श काल 8 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर होगा। इसका मध्य काल दोपहर बाद 3 बजकर 47 मिनट पर होगा और इसका मोक्ष काल शाम 6 बजकर 19 मिनट पर रहेगा। अतः इस ग्रहण का पर्वकाल 03 घंटे 39 मिनट का होगा। 


घर के मंदिर में करें गंगाजल का छिड़काव
मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है और इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मंदिर में किसी भी तरह की पूजा पाठ पर रोक होती है। जब चंद्र ग्रहण का प्रभाव पूरी तरह से खत्म हो जाए, तब स्नान करके साफ वस्त्र धारण करना चाहिए और अपने घर के मंदिर और सभी मूर्तियों को गंगाजल से पवित्र करना चाहिए। देवी-देवताओं की मूर्तियों को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। मूर्तियों की सफाई के लिए नींबू का पानी, दही, शहद और चंदन का इस्तेमाल करना चाहिए। देवी-देवताओं को नए और साफ-सुथरे वस्त्र पहनाने चाहिए। जो वस्त्र सूतक लगते वक्त भगवान ने धारण किए हुए होते थे, उन्हें दोबारा भगवान की मूर्तियों को नहीं पहनना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र मानता है कि यदि आपने मंदिर में सजावट कर रखी है तो सूतक काल से लेकर पूर्ण चंद्र ग्रहण खत्म होने तक जो भी सजावट की गई होती है, उसे तुरंत बदल देना चाहिए. मान्यता है कि ग्रहण काल के दौरान मंदिर में नकारात्मकता आ जाती है, इसलिए मंदिर में मौजूद सभी तरह की सजावटी चीजों को तुरंत विसर्जित कर देना ही उचित होता है। इसके अलावा मंदिर में चढ़ाए गए फूल, धूप, दीप, नारियल, नैवेद्य आदि तुरंत मंदिर से हटा देना चाहिए। इस तरह से मंदिर की साफ-सफाई करने से भगवान भी प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. ईश्वर की कृपा से आपकी ​किस्मत भी चमक सकती है।


चंद्र ग्रहण में क्या करें
ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल प्रभावी होने पर पहले से ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए। देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए। ग्रहण के दौरान चंद्रमा से जुड़े हुए मंत्रों का जाप करना चाहिए। ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।


ये काम भूलकर न करें
चंद्र ग्रहण के दौरान को भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। ग्रहण के दौरान ना भोजन पकाना चाहिए और न ही कुछ खाना-पीना चाहिए। नंगी आंखों को चंन्द्रमा को नहीं देखना है। गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए। तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों नहीं छूना चाहिए।

 

इस लेख में निहित जानकारी की सटीकता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा काम आप तक महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें