पूरे देशभर में दुर्गा पूजा की धूम है। यहां अलग-अलग थीम पर बने पूजा पंडाल लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रहे हैं। ऐसे में रांची के नमकुम इलाके में बने एक पूजा पंडाल और उसके अंदर स्थापित मूर्तियां चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
दशहरा और गांव-देहात के मेले
माँ महागौरी का ध्यान, स्मरण, पूजन-आराधना भक्तों के लिए सर्वविध कल्याणकारी है।
दुनिया की लगभग सभी संस्कृतियों में विपत्ति की घड़ी में देवी -देवताओं के आगे नतमस्तक होकर उनकी स्तुतियां गाने, रोने-गिड़गिड़ाने और दया की भीख मांगने की परंपरा रही है।
देवी दुर्गा के रूप शक्ति, स्त्रीत्व और समृद्धि के प्रतीक हैं। इन स्वरूपों की पूजा करते हुए स्त्री रूपी इन देवियों के भव्य रूप हमारी चेतना में उपस्थित रहते हैं।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:||