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क्रिकेट के लिए राज्य छोड़ा, 6 माह के भीतर पिता-भाई की मौत से टूटे; संघर्षों से भरी है आकाशदीप की कहानी

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द फॉलोअप डेस्क
भारत-इंग्लैंड के बीच आखिरी दो टेस्ट के लिए एक नए खिलाड़ी की टीम में एंट्री हुई है। नाम है आकाश दीप। आते ही उन्होंने धूम मचा दिया है। अपने पहले मैंच में 3 विकेट झटक कर आकाश ने अपने आलोचकों को मुहतौड़ जवाब दिया है। आकाश बिहार के रोहतास के रहने वाले हैं। बिहार के छोटे से गांव से निकलकर इंडियन टीम तक पहुंचने का सफर आकाश दीप के लिए आसान नहीं था। उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी संधर्षों से गुजरना पड़ा है। उन्हें 6 माह के भीतर अपने पिता-भाई को खो दिया। जिसके बाद वो काफी टूट गए थे। आकाश ने क्रिकेट के लिए राज्य छोड़ दिया। वह बिहार से निकलकर बंगाल चले गए। जहां काफी खून-पसीना बहाने के बाद उन्हें आज ये टीम इंडिया की जर्सी मिली है। 


आसपास के लोग अपने बच्चों से कहते आकाश से दूर रहो
27 साल के आकाश के जन्म 12 नवंबर 1996 में हुआ था। उन्हें शुरू से ही खेल में काफी रुचि थी। उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत क्रिकेट नहीं बल्कि टेनिस से की थी। इसे लेकर आकाश ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि "बिहार में तब (भारतीय क्रिकेट बोर्ड से निलंबित होने के कारण) क्रिकेट के लिए कोई उचित मंच नहीं था, खासकर सासाराम में जहां का मैं रहने वाला हूं, वहां क्रिकेट खेलना अपराध माना जाता था। कितने ही माता-पिता अपने बच्चों से कहते थे कि आकाश से दूर रहो। वह पढ़ाई नहीं करता और उसकी संगत में रहकर बिगड़ जाओगे।" 


पिता चाहते थे आकाश सरकारी नौकरी करें
आकाश ने आगे बताया कि उनके पिता चाहते थे कि वह सरकारी परिक्षाओं में शामिल हो लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था। आकाश के पिता उनके लिए फॉर्म भी लेकर आते थे। आकाश ने कहा कि मेरे पिताजी मुझे बिहार पुलिस कांस्टेबल या राज्य सरकार में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की परीक्षा देने के लिए कहते थे। वह उन सरकारी नौकरी के आवेदन पत्र भरते थे और मैं परीक्षा देने जाता था और खाली फॉर्म जमा करके वापस आ जाता था। आकाश के घर पर सब ठीक चल रहा था। फिर एक समय ऐसा आया कि जब उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। आकाश ने 6 माह के भीतर अपने भाई-पिता दोनों को खो दिया।


6 माह के अंदर पिता-भाई को खोया
आकाश बताते हैं कि 6 माह के अंदर मैंने पिता-भाई दोनों को खो दिया। मेरा परिवार टूट चुका था। मैं पूरे तरीके से बिखर चुका था क्योंकि मैंने अपना सब कुछ खो दिया था परिवार की जिम्मेदारी अब मुझपर थी। मेरे दिल-दिमाग में एक ही चीज थी कि मुझे परिवार की जिम्मेदारी लेनी है। इसी चीज को अपनी प्रेरणा बनाकर मैं उठा और दोबारा अपने काम पर लग गया। एक दोस्त की मदद से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक क्लब की तरफ से खेलने का मौका मिला, लेकिन उनकी कमाई टेनिस बॉल क्रिकेट खेलने से होती थी। आकाश दीप ने कहा, "मैं अपने क्लब की तरफ से लेदर बॉल की क्रिकेट खेलता था, लेकिन शुरू में उससे कमाई नहीं होती थी। इसलिए मैं महीने के तीन या चार दिन टेनिस बॉल क्रिकेट खेलता था, जिससे मुझे प्रतिदिन 6000 रुपए मिल जाते थे। इस तरह से महीने में मैं 20000 रुपए कमा लेता था।"


फर्स्टक्लास मैच में 104 विकेट झटके 
धीरे-धीरे आकाश कोलकता क्लब क्रिकेट खेलने लगे। अपने शानदार गेंदबाजी के दम पर उन्होंने अपना नाम  चमका लिया। फिर उन्हें बंगाल की टीम से रणजी ट्राफी 2018-19 में खेलने का अवसर मिला। आकाशदीप ने घरेलू क्रिकेट में अब तक 30 फर्स्टक्लास मैच में 104 विकेट झटके हैं। इसी तरह 28 लिस्ट ए मैच में उनके नाम 42 विकेट हैं। टी20 में उनके नाम 41 मैच में 48 विकेट हैं। IPL 2021 के प्रथम चरण में आकाशदीप को रॉयल चैलेंजर्स ने रिजर्व खिलाड़ी के रूप में चुना था।फिर 2022 में उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 3.40 करोड़ रुपये में खरीदा था। अब उन्होंने भारतीय टीम में शानदार शुरुआत की है।

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