द फॉलोअप टीम, रांची:
इन दिनों देश में लगातार हनीट्रैप की घटना सामने आ रही है। पहले कोई अनजान महिला लोगों को जाल में फंसाती है। इसके बाद दोस्ती बढ़ाती है। बात फेसबुक से व्हाट्सएप पर शुरू होती है। जहां वीडियो कॉल पर महिला सेक्स चैट शुरू करती है। बाद में उस चैट के रिकॉर्ड को आधार बनाकर बदनाम करने की धमकी दी जाती है और पैसों की मांग की जाती है। बदनाम होने की डर से कुछ लोग आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते है तो कुछ पुलिस के सामने अपनी बात रखते हैं।
यहां हम ऐसे ही दो घटनाओं की चर्चा करेंगे एक उत्तरप्रदेश की और दूसरी बेंगलुरु की। इस तरह के साइबर अपराध को सेक्सटॉर्शन का नाम देती है। सेक्सटॉर्शन यानी सेक्स संबंधी किसी वीडियो या चैट के जरिए पैसे वसूल करना। राजधानी रांची में भी ऐसा मामला सामने आ चुका है।
भाजपा नेता के साथ एक घटना
पहला मामला है उत्तर प्रदेश में रामपुर का। जहां एक भाजपा नेता के पास 22 अप्रैल को इसी तरह की अश्लील कॉल आई थी। जैसा की हनीट्रैप में अक्सर सेक्स चैट होता है। वह वीडियो कॉल पर हुआ। इसके बाद से उनसे भी पैसे की मांग शुरू हो जाती है। जब उसने पैसे देने से इंकार किया तो उसे वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई । 24 मई को पीड़ित ने हिम्मत करके पुलिस से इसकी शिकायत की जिसके बाद पूरा मामला सामने आया। छानबीन जारी है।
दूसरी बेंगलुरु की घटना
वहीं इसी तरह की एक घटना बेंगलुरू के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अविनाश बीएस की है। जिसके पास सोशल मीडिया से एक कॉल आती है। जिसमें एक महिला न्यूड होकर उससे बात कर रही होती है। कुछ दिनों के बाद उसके साथ भी यही हुआ उनसे भी पैसे की मांग शुरू हो जाती है। पैसे नहीं देने पर बदनाम करने की धमकी दी जाती है। इससे परेशान होकर अविनाश ने 23 मार्च को सुसाइड कर ली।
क्या होता है सेक्सटॉर्शन?
हनीट्रैप की और भी ऐसी कई घटनाएं सामने आती रहती हैं। सबमे एक बात कॉमन रहती है और वो यह है कि पहले सेक्स चैट फिर पैसों की मांग करना और इंकार करने पर बदनाम करने की धमकी देना। सवाल उठता है कि सिर्फ किसी के अश्लील वीडियो कॉल कर देने भर से ही कोई व्यक्ति ब्लैकमेल होना कैसे शुरू हो जाता है? इस बारे में एक्सपर्ट और पुलिस अधिकारी इस बारे में बताते हैं कि वीडियो कॉल पर व्यक्ति के सामने आने पर रिकॉर्डेड पोर्न वीडियो इस तरह चलाया जाता है कि वह लाइव जैसा लगता है। पोर्न वीडियो चलने के दौरान कॉल पर सामने आए व्यक्ति को कपड़े उतारने को कहा जाता है और फिर उसकी स्क्रीन रिकॉर्ड कर ली जाती है। बाद में यही रिकॉर्ड स्क्रीन उस व्यक्ति को भेजकर ब्लैकमेल किया जाता है।