द फॉलोअप टीम, रांची:
प्राचीनकाल में जब मंदिर वास्तु और खगोल विज्ञान के आधार पर बनाए जाते थे। भारत में कुछ ऐसे मंदिर भी हैं जिनका संबंध न तो वास्तु से है, न खगोल विज्ञान से और न ही खजाने छिपाने आदि से। इन मंदिरों का रहस्य आज तक कोई नहीं जान पाया है। आज हम आपको यहाँ ऐसे ही 5 मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैंं, जिसे जानकार आप हैरान रह जायेंगे। तो आइये जानते हैंं, इन मंदिरो की खासियत। भारत में वैसे तो हजारों रहस्यमय मंदिर हैं लेकिन यहां प्रस्तुत हैं कुछ खास 5 प्रसिद्ध रहस्यमय मंदिर।

कैलाश मानसरोवर: इस मंदिर में साक्षात भगवान शिव हैं। यह धरती का केंद्र है। कैलाश मानसरोवर के पास ही कैलाश पर्वत और आगे मेरू पर्वत स्थित है। इस क्षेत्र को शिव और देवलोक कहा गया है। रहस्य और चमत्कार से परिपूर्ण इस स्थान की महिमा वेद और पुराणों में भरी पड़ी है। कैलाश पर्वत समुद्र तल से 22,068 फुट ऊंचा है तथा हिमालय से उत्तरी क्षेत्र में तिब्बत में स्थित है। कैलाश पर्वत चीन में आता है। इसे तिब्बती धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और हिन्दू का आध्यात्मिक केंद्र माना गया है। कैलाश पर्वत की 4 दिशाओं से 4 नदियों का उद्गम हुआ है- ब्रह्मपुत्र, सिंधु, सतलुज व करनाली।
कन्या कुमारी मंदिर : समुद्री तट पर ही स्थित यह मंदिर है। जहां देवी पार्वती की पूजा की जाती है कन्या रूप में। जब पुरुष मंदिर में प्रवेश करते हैं तो उन्हें कमर से ऊपर के वस्त्र उतारने पड़ते हैं। प्रचलित कथा के अनुसार देवी का विवाह संपन्न न हो पाने के कारण बच गए दाल-चावल बाद में कंकर बन गए। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि मंदिर के पास समुद्र तट की रेत में दाल और चावल के आकार और रंग-रूप के कंकर बड़ी मात्रा में मिलते हैं।

करनी माता मंदिर : बीकानेर में स्थित यह मंदिर बहुत ही अनोखा है। यहाँ लगभग 20 हजार काले चूहे रहते हैं। लाखों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामना पूरी करने आते हैं। करणी देवी को दुर्गा का ही अवतार माना जाता है। इस मंदिर को ‘चूहों वाला मंदिर’ भी कहा जाता है। यहां चूहों को काबा कहते हैं और इन्हें भोग भी चढ़ाया जाता है और इनकी सुरक्षा की जाती है। यहां भक्तों को पाँव घसीट कर चलना होता है क्योंकि यहाँ इतने चूहे हैं। अगर एक चूहा भी आपके पैरों के नीचे आ गया तो इसे अपशगुन माना जाता है और अगर एक चूहा भी आपके पैर के ऊपर से होकर गुजर गया तो आप पर देवी की कृपा हो गई समझो। यदि आपने सफेद चूहा देख लिया तो आपकी मनोकामना पूर्ण ही हो गयी समझो।

शनि शिंगणापुर : यह मंदिर शनिदेव के प्रमुख मंदिरो में से एक है। यह महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर है। इस शनि मंदिर की खास बात यह है कि यहां स्थित शनिदेव की पाषाण प्रतिमा बगैर किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित है। यहाँ के लोगो में भगवान शनि महाराज का इतना खौफ है कि अधिकांश घरों में खिड़की, दरवाजे और तिजोरी नहीं हैं केवल पर्दे है। क्योंकि यहां चोरी नहीं होती। कहा जाता है कि जो भी चोरी करता है उसे शनि महाराज सजा स्वयं दे देते हैं। इसके कई उदाहरण देखे गए हैं।

कामाख्या मंदिर : इस मंदिर को तांत्रिकों का मदिर कहा गया है। माता के 51 शक्तिपीठों में से एक इस पीठ को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यह असम के गुवाहाटी में स्थित है। यहां त्रिपुरासुंदरी, मतांगी और कमला की प्रतिमा मुख्य रूप से स्थापित है। पौराणिक मान्यता है कि साल में एक बार अम्बूवाची पर्व के दौरान मां भगवती रजस्वला होती हैं और मां भगवती की गर्भगृह स्थित महामुद्रा से निरंतर 3 दिनों तक जल-प्रवाह के स्थान से रक्त प्रवाहित होता है। इस मंदिर के चमत्कार और रहस्यों के बारे में किताबें भरी पड़ी हैं। हजारों ऐसे किस्से हैं जिससे इस मंदिर के चमत्कारिक और रहस्यमय होने का पता चलता है।