logo

Bengal Election 2021: ...तो इस वजह से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये यशवंत सिन्हा, खोला राज!

6310news.jpg
द फॉलोअप टीम, कोलकात: 
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे यशवंत सिन्हा ने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। बंगाल चुनाव से पहले यशवंत सिन्हा का तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना ममता बनर्जी के लिये कितना फायदेमंद साबित होगा ये तो वक्त बतायेगा लेकिन फिलहाल इस घटना ने बंगाल की सियासी गलियारों में कानाफूसी बढ़ा दी है। यशवंत सिन्हा अटल सरकार में वित्त मंत्री थे। 

नंदीग्राम की घटना टीएमसी में आने की वजह
कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद यशवंत सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी पर हुआ हमला ही वो वजह है जिसकी वजह से मैंने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि नंदीग्राम की घटना के बाद ही मैंने तय कर लिया था कि मैं बंगाल चुनाव में टीएमसी और ममता जी का समर्थन करूंगा। टीएमसी में शामिल होने के बाद यशवंत सिन्हा ने बीजेपी को खूब खरी-खरी सुनाई। 

टीएमसी के मंच से अटल जी को किया याद
यशवंत सिन्हा ने देश में अटल बिहारी वाजपेयी युग को याद करते हुये कहा कि अटल जी के समय भारतीय जनता पार्टी सर्वसम्मति में विश्वास करती थी। आज की भारतीय जनता पार्टी कुचलने और केवल जीतने में विश्वास करती है। पंजाब में अकालियों ने, ओडिशा में बीजू जनता दल ने और महाराष्ट्र में शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ दिया। आज भारतीय जनता पार्टी के साथ कौन है। 
यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश आज एक अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की ताकत लोकतांत्रिक संस्थाओं में निहित होती है लेकिन आज न्यायपालिका सहित तमाम संस्थान कमजोर हो गये हैं। 

बतौर आईपीएस की थी करियर की शुरुआत
बता दें कि यशवंत सिन्हा ने बतौर आईपीएस अधिकारी अपने करियर की शुरुआत की थी। बाद में वीआरएस लेकर राजनीति ज्वॉइन की थी। भारतीय जनता पार्टी में उन्होंने लंबा वक्त बिताया। दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री की जिम्मेदारी निभाई। बतौर वित्त मंत्री उनके कार्यकाल की सराहना की जाती है। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद यशवंत सिन्हा हाशिये पर चले गये। 

उन्होंने पार्टी और सरकार के खिलाफ खुलकर बोलना शुरू कर दिया। परिणाम ये हुआ कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता की वजह से उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला। यशवंत सिन्हा इस दौरान विरोधी पार्टियों के मंच में नजर आने लगे।