द फॉलोअप टीम, धनबादः
3 दिसंबर को राज्यपाल रमेश बैस धनबाद पहुंचे। उनके अनुसार वह किसी शादी समारोह में शामिल होने गये थे, लेकिन शादी में शामिल होने के बाद वह झरिया के बीसीसीएल का एनआरके कोयला उत्खनन आउटसोर्सिंग पंहुचे। उन्होंने कोयला के उत्खनन स्थल का भी निरीक्षण किया। उनके साथ उपायुक्त संदीप कुमार, एसएसपी संजीव कुमार, बीसीसीएल कुसुंडा एरिया के जीएम के. गोयल और आउटसोर्सिंग प्रबंधक रवि अग्रवाल भी थे। उत्खनन स्थल देखने को 2 घंटे का समय तय था लेकिन, वे सिर्फ 20 मिनट ही रुके। उनके निरीक्षण के दौरान सीसीएल के बड़े अधिकारी मौके पर नहीं थे। अब चर्चा हो रही है कि शायद राज्यपाल जो देखने आए थे वो नहीं देख पाए।
माइंस से कोयला उत्खनन देखने आये थे
मीडिया से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि धनबाद आया था तो सोचा कि कोलियरी की ओपन माइंस को देख लिया जाए। जिससे पता चल सके कि यहां मजदूर किस तरह से काम करते हैं। वह बोले कि ओपन कास्ट माइंस से कोयला उत्खनन को उन्होने नहीं देखा था, जिसे देखने के वह आये थे। मीडिया ने उनसे सवाल किया कि आउटसोर्सिंग कंपनियां मजदूरों को उनका हक नहीं देती हैं। उत्खनन में नियमों का पालन भी नही होता है, प्रदूषण पर भी कोई कंट्रोल नहीं है। आये दिन भू-धसान होता है लेकिन इस पर ही बीसीसीएल कोई कदम नही उठाती है।
कोल मंत्रालय से की जाएगी बात
सारे सवालों के जवाब देते हुए राज्यपाल ने कहा कि इन सारे मामले में जानकारी ली जाएगी । कोल मंत्रालय से बात किया जाएगा। मौके पर बीसीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा कि कोरोना के कारण कोयला उत्पादन में गिरावट थी लेकिन इस साल उत्पादन लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। राज्यपाल के जल्दी लौट जाने पर यह चर्चा है कि आखिर उनका निरिक्षण का समय 2 घंटा था तो वह जल्दी क्यों लौट गये।