द फॉलोअप टीम, रांची :
टैक्सेशन के क्षेत्र में बहुत सारे शब्द ऐसे हैं जो देखने और सुनने में एक समान लगते हैं, लेकिन उसके मतलब काफी अलग होते हैं। इन शब्दों का मतलब जाने बिना टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया से गुजरना काफी मुश्किल है। पैन, टैन और टिन कुछ ऐसे ही शब्द हैं। हम इस खबर में आपको तीनों का मतलब और काम विस्तार से बताएंगे।
PAN ( Permanent Account Number) क्या है?
PAN धारक को PAN card में अक्षरों और संख्याओं से बना दस अंकों का एक कोड मिलता है। सरकार ने जनता की लेनदेन पर नजर रखने के लिए यह कार्ड जारी किया है। आसान भाषा में कहें तो पैन एक संख्या है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति, व्यवसाय या किसी अन्य टैक्स पेमेंट यूनिट द्वारा किए गए सभी लेनदेन पर नज़र रखने के लिए किया जाता है। हर PAN अलग-अलग होता है।
TAN (Tax Deduction and Collection Account Number) क्या है?
आयकर विभाग TAN नामक दस अंको अल्फ़ान्यूमेरिक कोड जारी करता है, जिसका उपयोग स्रोत पर एकत्रित कर (TCS) और स्रोत पर कर कटौती (TDS) को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। TCS या टीडीएस से संबंधित दस्तावेजों में TAN का प्रावधान कटौती करने वालों के लिए जरूरी है। यदि आप टैन को शामिल नहीं करते तो बैंक आपके टीडीएस भुगतान और रिटर्न को अस्वीकार कर सकते हैं। TAN के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करने के लिए फॉर्म 49B का उपयोग किया जा सकता है।
TIN (Tax Identification Number) क्या है?
किसी भी व्यक्तिगत व्यवसाय मालिक या इकाई को एक टिन दिया जाता है जिसने मूल्य वर्धित कर (वैट) के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। इसका उपयोग अंतर-राज्यीय बिक्री लेनदेन के लिए भी किया जाता है और कई वैट भुगतानों की ट्रैकिंग की सुविधा मिलती है। इसमें 11 अंक हैं, जिसमें पहले दो राज्य के कोड को बताते हैं। यह गृह मंत्रालय द्वारा अनिवार्य किया गया है।