द फॉलोअप टीम, पटना
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। अब तक 150 से ज्यादा सीटों पर लड़ने का दावा कर रहे राजद के तेवर सहयोगियों की नाराजगी के बाद थोड़े नरम पड़े हैं। इतना ही नहीं वाम दल भी महागठबंधन का हिस्सा हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि इसमें 2015 में तीन सीटें जीतने वाली भाकपा (माले) भी शामिल होगी। हालांकि, माले ने पहले ही तीस सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
राजद 135 से 140 सीटों पर लड़ेगा !
सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा की 243 सीटों में से राजद 135 से 140 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा। अब तक कम से कम 70 सीटों की मांग कर रही कांग्रेस को 63 से 68 सीटें मिल सकती हैं। 2015 में राजद 100 सीटों पर जबकि, कांग्रेस 43 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसमें राजद ने 80 तो कांग्रेस ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वाम दलों को भी मानने की कोशिश सफल हो सकती है.
सीटों के बंटवारे में हो रही देरी और कम सीटें मिलती देखकर भाकपा माले ने हाल ही में 30 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। लेकिन, अब कहा जा रहा है कि माले महागठबंधन के साथ जा सकता है। माले के साथ ही भाकपा और माकपा भी महागठबंधन का हिस्सा होंगे। भाकपा और माकपा को 5-5 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, पिछली बार तीन जीतने और 21 सीटों पर तीसरे नंबर पर रहने वाली माले को 16 से 19 सीटें दी जा सकती हैं।
एक-दो दिनों में हो जाएगा फैसला
इसके अलावा झामुमो और वीआईपी भी साथ रहेंगी, सपा को राजद के हिस्से से सीटें मिल सकती हैं. मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को 10 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा को 2 सीटें दी जा सकती हैं। समाजवादी पार्टी के लिए राजद तय करेगा कि उसे कितनी सीट देनी है और कहां-कहां से लड़ाना है। एक-दो सीटें इधर से उधर हो सकती हैं, लेकिन फॉर्मूला इसी आधार पर सेट होगा। एक-दो दिन में सभी पार्टियां एक मंच पर आकर इसकी घोषणा कर सकती हैं।
जेएमएम से बातचीत जारी
सूत्रों का कहना है कि कौन सी सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी और कौन सी सीट पर राजद, इस बात को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। इसे लेकर दोनों दलों में बात अंतिम दौर में है। इसके साथ ही मुकेश सहनी, हेमंत सोरेन और वाम दलों से भी बातचीत जारी है। अब देखना है कि जेएमएम कितनी सीटों पर मानता है?