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धर्म बदलने वाले आदिवासियों को ना मिले आरक्षण का लाभ: पी सूर्यनारायण सूरी

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द फॉलोअप टीम, रांची:


रांची प्रेस क्लब में जनजाति सुरक्षा मंच की बैठक हुई। बैठक में झारखंड के विभिन्न जिलों के जनजाति समाज के कार्यकर्ता उपस्थित हुए। बैठक में जनजाति समाज के धार्मिक,आर्थिक,सामाजिक एवं राजनैतिक मुद्दो पर चर्चा की गई। बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री पी. सूर्यनारायण सूरी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि स्व. कार्तिक उरांव ने जनजाति समाज को एक सकारात्मक दिशा देने का प्रयास किया था जिसे देश के जनजाति समाज उनको आदर्श के रूप में मानते है। 


उन्होंने कहा कि कार्तिक बाबा के जनजाति समाज के हित के लिए जॉइंट पार्लियामेंट कमिटी के रिपोर्ट एव 1970 और 1976 में किये गए बहस आज तक लंबित है।जिसे जनजागरण के माध्यम से लोगो के बीच बताने का कार्य करना है।

धर्मांतरित हो चुके आदिवासियों को ना मिले आरक्षण का लाभ
उन्होंने कहा कि जो आदिवासी धर्मांतरित हो चुके है उन्हें अनुसूचित जनजाति आरक्षण का लाभ नही मिलना चाहिए। उसे जनजाति सूची से हटाना है। उन्होंने कहा कि विदेशी शक्तियों ने षडयंत्र के तहत समाज का विभाज करो एवं देश का विभाजन करो कि नीति को अपनाकर देश में अराजकता का माहौल उत्पन्न किया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज स्वयं एक सशक्त एवं उन्नत समाज है,इसे मुख्यधारा में लाने की जरूरत नही बल्कि दूसरे भटके हुए लोगो को जनजाति जीवन पद्धति में समाहित होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि धर्म का नुकसान होना, संस्कृति का नुकसान है और संस्कृति का नुकसान होना ,अपनी पहचान नुकसान होना है।


बैठक में एडवर्ड सोरेन,सत्यदेव मुंडा,विनोद एक्का,पिंकी खोया,बिनीता इंदवार,अनु लकड़ा,रोशनी खलखो,अशोक बड़ाईक,देवीदयाल मुंडा,मनोज बेसरा, अभिषेक चंद्र उराँव, सुषमा बड़ाईक, सन्नी टोप्पो, बिना उराँव सहित कई उपस्थित हुए।