द फॉलोअप टीम, डेस्क:
ओलंपिक गेम्स को खेल जगत का सबसे बड़ा आयोजन कहा जाता है। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह एक दिन ओलंपिक में जरूर पहुंचेगा। इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से ओलंपिक गेम्स सवालों के घेरे में है। साथ ही इस बार एक विवाद भी जमकर सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल ओलंपिक गेम्स में खिलाड़ी जमकर सेक्स करते हैं। खिलाड़ियों के बीच 1 लाख 60 हजार कंडोम बांटने का टारगेट है। ये खबर जैसे ही बाहर आई हंगामा शुरू हो गया है। खिलाडियों का कहना है कि जब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है, तो कंडोम क्यों बाटें जा रहे हैं।
कंडोम वितरण पर आयोजकों ने सफाई दी
आयोजकों ने सफाई तो दी कि ये कंडोम खिलाड़ियों के घर के लिए है। हालांकि इस सफाई पर विरोध थमा नहीं क्योंकि खिलाड़ियों को मिलने वाले बेड की तस्वीरें सामने आई है जिसे एंटी सेक्स बेड कहा जा रहा है। इस बार खिलाड़ियों को जिस बेड में सुलाया जाएगा, वो एंटी-सेक्स है। इस बेड पर खिलाड़ी चाहकर भी सेक्स नहीं कर पाएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग पालन करवाने के लिए आयोजक कई तरकीब निकाल रहे हैं। उसमें से एक ये बेड है। इस बेड को कार्डबोर्ड से बनाया गया है।
सिर्फ एक शख्स का भार उठा पाएगा बेड
यह बेड सिर्फ 1 शख्स का भार उठा पाएगा। अगर दो लोग इस पर चढ़े तो ये टूट जाएगा। साथ ही ये किसी तरह का झटका बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। हलके प्रेशर से भी यह बेड टूट जायेगा। बेड की तस्वीरें आने के बाद कंडोम वितरण की न्यूज आई थी। बेड की वजह से खिलाड़ियों में नाराजगी है। उनका कहना है कि ये बेड उनका खुद का भार नहीं सह पाएगा। साथ ही बेड का साइज भी काफी छोटा है।
खिलाड़ियों ने कंडोम को लेकर पूछा सवाल
खिलाडियों का कहना है कि बेड छोटा होने के कारण उनको नींद नहीं आएगी तो वो अच्छे से परफॉर्म नहीं कर पाएंगे। कुछ का कहना है कि ऐसे बिस्तर पर सुलाना है तो कंडोम क्यों बाट रहे हो? दरअसल जिस देश में भी ओलंपिक होता है, वहां कंडोम बांटे जाते है। ताकि HIV का खतरा ना रहे। कंडोम के वितरण ने ओलंपिक गेम को विवादों में ला दिया था। एक जर्मन एथलीट ने बताया है कि कई रात वो सेक्स के दौरान आने वाली आवाजों की वजह से सो नहीं पाती थी।