द फॉलोअप टीम, कोलकाता:
चुनावी रणनीतिकार और इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी के चेयरमैन प्रशांत किशोर ने इलेक्शन मैनेजमेंट के संन्यास का संकेत दिया है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की बड़ी जीत का सूत्रधार बने प्रशांत किशोर ने संकेत दिया है कि वे अब चुनावी प्रबंधन का काम छोड़ना चाहते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि वे अब कुछ और करना चाहते हैं। बंगाल में मिली इतनी बड़ी जीत औऱ सटीक भविष्यवाणी करने वाले प्रशांत किशोर के बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गयी है।
जो कर रहा हूं उसे जारी नहीं रखना चाहता!
एक निजी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं जो कर रहा हूं उसे अब जारी नहीं रखना चाहता। मैंने काफी कुछ कर लिया है। अब मेरे लिए ब्रेक लेने का समय है। जीवन में कुछ और करना चाहता हूं। मैं ये स्पेस छोड़ना चाहता हूं। सक्रिय रूप से राजनीति में शामिल होने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि वे असफल राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि अगर मैं राजनीति में गया तो मुझे वापस जाना होगा। देखना होगा कि मुझे अब क्या करना चाहिए।
बंगाल में टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार थे
प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार बने थे। प्रशांत किशोर ने चुनाव के दौरान कई बार सार्वजनिक मंच से ये एलान किया था कि यदि भारतीय जनता पार्टी परिणामों में 100 से कम सीटों पर नहीं सिमटती तो उनके काम करने का कोई मतलब नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा था कि यदि भारतीय जनता पार्टी 100 से कम सीटों पर नहीं सिमटी तो मैं ये काम छोड़ दूंगा। हालांकि, उनकी भविष्यवाणी सच साबित होती दिख रही है। बीजेपी को फिलहाल महज 76 सीटों पर बढ़त मिली है। तृणमूल कांग्रेस 1 सीट जीत चुकी है और फिलहाल 214 सीटों पर बढ़त हासिल की हुई है। बावजूद इसके प्रशांत ये काम छोड़ना चाहते हैं। ममता बनर्जी भी नंदीग्राम सीट पर शुभेंदू अधिकारी को हरा चुकी हैं।
2014 में बीजेपी की एतिहासिक जीत के सूत्रधार थे
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर भारत के सबसे बड़े चुनावी रणनीतिकार माने जाते हैं। प्रशांत किशोर 2014 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का चुनावी कैंपेन संभाल रहे थे। उस चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी। प्रशांत किशोर 2015 में बिहार चले आये। यहां उन्होंने राजद, कांग्रेस और जेडीयू वाले महागठबंधन के लिए कैंपेन किया। महागठबंधन को बड़ी जीत मिली। जेडीयू में तो प्रशांत किशोर को उपाध्यक्ष बना दिया गया। 2016 में प्रशांत कांग्रेस के साथ गये। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली। कांग्रेस ने खुले मंच से प्रशांत को जीत का श्रेय दिया।
यूपी में कांग्रेस की बड़ी हार से प्रशांत को लगा धक्का
साल 2017 में ही प्रशांत किशोर यूपी आये। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन के लिए कैंपेन बनाया। राहुल गांधी और अखिलेश यादव को लेकर यूपी के अच्छे लड़के नाम का कैंपेन गढ़ा। हालांकि इस चुनाव में गठबंधन को बड़ी हार मिली। कांग्रेस को महज सात सीटें मिली थीं। प्रशांत किशोर की साख को धक्का लगा लेकिन उन्होंने वापसी की आंध्र प्रदेश में। यहां वाईआरएस कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी के लिए कैंपेन तैयार किया। जगनमोहन रेड्डी मुख्यमंत्री बने। 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को जीतवाया। अरविंद केजरीवाल की वापसी हो गयी।
पंजाब के सीएम के सलाहकार बनाये गए हैं प्रशांत
प्रशांत किशोर ने संकेत दिया है कि वे चुनावी रणनीतियां बनाने का काम छोड़ना चाहते हैं। फिलहाल प्रशांत किशोर को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना सलाहकार नियुक्त किया है। प्रशांत किशोर को पंजाब में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। सारी सुविधाएं मंत्रियों वाली मिलती है। बीच में प्रशांत किशोर ने अपना एक संगठन भी बनाया था लेकिन किसी भी चुनावी राजनीति में भाग नहीं लिया। फिलहाल बंगाल जीता है। देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या करते हैं।