द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
बुधवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का प्रस्ताव केंद्रीय कैबिनेट से पास हो गया। अब इसे 29 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र में संसदीय प्रक्रिया के लिए रखा जायेगा। कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए विधेयकों को आगामी संसद सत्र में पेश किया जायेगा। केंद्र सरकार ने 29 नवंबर से शुरू हो रहे है संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में उठाए जाने वाले विधायी कार्य में द फॉर्म लॉ रिपील बिल 2021 को शामिल किया गया है।
तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जायेगा
पीएम मोदी ने बीते शुक्रवार को ऐलान किया था कि केंद्र इस महीने के आखिर में शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करेगा और इसके लिए जरूरी विधेयक लेकर आया जायेगा। इतनी ही नहीं! सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए एक नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति भी गठित करेगी।
बीते 1 साल से कानून का विरोध कर रहे किसान
गौरतलब है कि 2020 में केंद्र द्वारा कानून पारित किए जाने के बाद से ही किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे है। किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर अपना डेरा जमाए बैठे हैं। विरोध प्रधर्शन को लगभग 1 साल हो गया है। कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे आंदोलन के दौरान बीते 1 साल में कई सारी घटनाएं हुई हैं। इनमें 26 जनवरी को दिल्ली हिंसा और लखीमपुर खीरी का मामला प्रमुख है। किसान आंदोलन खुद भी कई वजहों से विवादों में रहा।
राकेश टिकैत ने पूरे मसले पर क्या कुछ कहा
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने घोषणा की है तो वो प्रस्ताव ला सकते हैं लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य और 700 किसानों की मौत अभी भी हमारा प्रमुख मुद्दा है। सरकार को इस पर भी बात करनी चाहिए। राकेश टिकैत ने कहा कि यदि 26 जनवरी के पहले तक सरकार हमारी बात मान जाएगी तो हम चले जाएंगे। चुनाव के बारे में हम चुनाव आचार सहिंता लगने के बाद बताएंगे। राकेश टिकैत लगातार सुर्खियों में रहे हैं।