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लोजपा के इस नारे के मायने! 'मोदी से बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं', आज आएगा फैसला!

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द फॉलोअप टीम, पटना 
जदयू को पछाड़ने के लिए संभवतः भाजपा और लोजपा ने एक रणनीति के तहत बिहार चुनाव में आगे बढ़ने का फैसला किया है। चिराग पासवान ने 143 सीटों पर चुनाव लड़ने के पार्टी के अंदरूनी दबाव के बारे में भी भाजपा नेताओं को अवगत करा दिया है। लोजपा के एक नेता ने बताया कि बैठक में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। 

लोजपा-भाजपा में पक रही है खिचड़ी! 
माना जा रहा है कि लोजपा एनडीए गठबंधन से बाहर निकलकर 143 सीटों पर 'मोदी से बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं' या 'मोदी के साथ कोई दुश्मनी नहीं' के नारे के साथ चुनाव लड़ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार लोजपा उन 143 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिनपर भाजपा ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारने की पेशकश की है। एलजेपी ने बीजेपी को आश्वासन दिया है कि वह चुनाव के बाद के हालात में सीएम उम्मीदवार के लिए बीजेपी के उम्मीदवार का समर्थन करेगी।

लोजपा भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में काम करेगी!
एलजेपी ने शनिवार को पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक बुलायी है, ताकि आगे का रास्ता तय किया जा सके। सूत्रों के अनुसार, सीएम नीतीश कुमार के साथ रिश्ते ठीक ना होने के कारण चिराग पासवान ने पहले कहा था कि वह जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने में संकोच नहीं करेंगे। एलजेपी ने कहा कि वह गठबंधन से बाहर नहीं होगी, क्योंकि पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए के साथ गठबंधन में है। कहा जा रहा है कि एलजेपी गठबंधन में भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में काम करेगी। इसके पीछे यह सोच है कि जेडीयू की सीटों पर नीतीश विरोधी वोटों के साथ मोदी समर्थक वोटों को भी अपनी ओर खींचा जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोजपा ने इसे भाजपा और एलजेपी दोनों के लिए जीत की स्थिति बताई है।

आज बनेगी आगे की रणनीति
इससे पहले बुधवार को भाजपा नेताओं की सीटों के बंटवारें को लेकर बैठक हुई थी। शाह उस बैठक में भी शामिल हुए थे। आज की बैठक में भी शाह की मौजूदगी से संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा ने सीटों के बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों से अंतिम दौर की बातचीत से पहले अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो जल्द ही सीटों के बंटवारे को लेकर घोषणा की जाएगी और चार या पांच अक्टूबर को पहले चरण के मतदान वाली सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी।

लोजपा की 143 सीटों पर लड़ने के आसार! 
लोजपा ने संकेत दिए हैं कि यदि सीटों का 'सम्मानजनक’ बंटवारा नहीं हुआ तो वह राज्य की 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। वर्ष 2015 के चुनाव में लोजपा 42 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे महज दो ही सीटों पर जीत मिल सकी थी। उस चुनाव में जदयू महागठबंधन का हिस्सा था। राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर उसने राजग को पटखनी दी थी। अब के राजनीतिक हालात बदले हुए हैं। बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में लोजपा की सियासत किधर जाएगी, यह कहना अभी मुश्किल है।