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अंटार्कटिका में टूटा बर्फ का विशालकाय पहाड़, चिंतित हैं वैज्ञानिक

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द फॉलोअप टीम, डेस्क: 
वैश्विक महामारी कोरोना एक ओर जहां इंसानी जिंदगी पर कहर बरपा रही है है वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदाएं भी लोगों का जीना मुहाल कर रही है। हालिता ताऊते तूफान इसकी बानगी है। अब खबरे मिल रही है कि अंटार्कटिका से दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड टूट कर अलग हो गया है। 

काफी विशालकाय है टूटा हिमखंड
मिली जानकारी के मुताबिक अंटार्कटिका से टूटे इस हिमकंड का आकार 4 हजार 320 किलोमीटर है। सैटेलाइट तस्वीरों में ये हिमखंड 170 किलोमीटर लंबा नजर आ रहा है। इसकी चौड़ाई तकरीबन 25 किलोमीटर आंकी गयी है। यूरोपिया स्पेस एजेंसे की सैटेलाइट तस्वीरों में दिखा रहा है कि अंटार्कटिका के पश्चिमी हिस्से में स्थित रोन्ने ईइसे सेल्फ से ये महाकाय बर्फ का पहाड़ टूटा है। 

समुद्र में स्वतंत्र तैर रहा है हिमखंड
चिंता की बात ये है कि विशालकाय हिमकंड टूटने के बाद वेड्डेल समुद्र में स्वतंत्र होकर तैर रहा है। इस हिमकंड को ए-76 नाम दिया गया है। इस हिमकंड के टूटने की तस्वीर यूरोपिय यूनियन के सैटेलाइट कापरनिकस सेंटीनल ने खींची है। ये सैटेलाइट धरती के धुवीय इलाकों में नजर रखता है। ब्रिटेन के अंटार्कटिक सर्वे दल ने सबसे पहले इस हिम
खंड के टूटने के बारे में बताया था। 

ग्लेशियर्स के पिघलने पर क्या होगा
नैशनल स्नो एंड आइसे डाटा सेंटर का कहना है कि हिमखंड के टूटने का सीधा असर समुद्र के जलस्तर पर नहीं होगा लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से इसका जलस्तर बढ़ सकता है। ग्लेशियर्स से बहाव और बर्फ की धाराओं की गति धीमी हो सकती है। सेंटर ने चेतावनी दी है कि अंटार्कटिका धरती के अन्य हिस्सों की तुलना में ज्यादा तेजी से गर्म हो रहा है। अंटार्किटिका में बर्फ के रूप में इतना पानी जमा है कि इसके पिघलने से दुनिया भर में समुद का जलस्तर 200 फीट तक बढ़ सकता है।